Rakshabandhan

रक्षाबन्धन पर दोहे – बाबूलाल शर्मा, बौहरा

रक्षा बन्धन एक महत्वपूर्ण पर्व है। श्रावण पूर्णिमा के दिन बहनें अपने भाइयों को रक्षा सूत्र बांधती हैं। यह ‘रक्षासूत्र’ मात्र धागे का एक टुकड़ा नहीं होता है, बल्कि इसकी महिमा अपरम्पार होती है। कहा जाता है कि एक बार…

सृष्टि कुमारी की कवितायेँ

सृष्टि कुमारी की कवितायेँ आज की नारी मैं आज की नारी हूं, इतिहास रचाने वाली हूं,पढ़ जिसे गर्व महसूस करे वो इतिहास बनाने वाली हूं।नारी हूं आज की, खुले आसमान में उड़ना चाहती हूं मैं,बांध अपने जिम्मेदारियों का जुड़ा, अपने…

आगे आगे तीजा तिहार आगे – मनीभाई नवरत्न

आगे आगे तीजा तिहार आगे – मनीभाई नवरत्न ऐ दीदी ओ,  ऐ बहिनी ओ।आगे आगे तीजा तिहार आगे।। सावन भादों सुख के देवय्या।झमाझम बादर चले पुरवय्या।।डारा पाना ह सबो हरियागे।आगे आगे तीजा तिहार आगे।। झूलेना बने हे  सुग्घर पटनी।धरे रहव…

doha sangrah

बछ बारस पर कविता – दोहा छंद

बछ बारस पर कविता – दोहा छंद बछ बारस सम्मानिए, गौ बछड़े की मात।मिटे पाप संताप तन, दैव प्रमाणित बात।। पावस सावन में मनें, बछ बारस का पर्व।गौ सेवा कर नर मिले, मेवा मंगल गर्व।। भिगो मोठ को लीजिए, उत्तम…