शाकाहारी पर दोहे / डिजेन्द्र कुर्रे

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शाकाहारी पर दोहे / डिजेन्द्र कुर्रे========================श्रेष्ठ मनन चिंतन रहें, विनयशील व्यवहार।जिसने अपने जन्म में, चुन ली शाकाहार।। शाकाहारी को मिले, चिंतन में अध्यात्म।भोज तामसिक से मिले, मानवता को घात।। हरि-हरि भाजी शाक में, भरा ब्रम्ह का तत्व।जीव वधन में है नहीं, मानवता सुख सत्व।। गोभी पालक मेथियाँ, और टमाटर लाल।जिसने खाया स्वास्थ से, वे है … Read more

सेना दिवस पर हिंदी कविता

Republic day

भारतीय सैनिकों का दर्द हम कम से कम अपने दिल में उतार कर देश की सेना को सम्मान के नजरिए से देखें तो यह भी एक बड़ी देशभक्ति होगी। सीमा पर तैनात एक जवान का दर्द इस कविता में शामिल किया गया है। सैनिकों पर कविता सर पे कफ़न बाँधे, हाथ में बंदूक ताने।बढ़ते वीर … Read more

भारत मां के सपूत

भारत मां के सपूत                   (1)तिलक लगाकर चल, भाल सजाकर चल।माटी मेरे देश की, कफ़न लगाकर चल।देश में वीर योद्धा जन्मे, मच गई खलबल।भारत मां के सपूत है ,आगे चल आगे चल। (2)भगत ,चंद्रशेखर, सुखदेव थे क्रांतिकारी दल।अंग्रेजो के नाक में ,दम कर रखा था हरपल।देश आजादी पाने के लिए,बना लिए दलबल।भारत मां के सपूत है … Read more

वृक्षारोपण पर दोहे

doha sangrah

वृक्षारोपण पर दोहे डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर” पर्यावरण सुधार पर , वृक्ष लगा दो चार।धरा बने जब सुंदरम,करना जय जयकार।। पावन मन से सब जुड़े,धरा बनाएं स्वच्छ।पर्यावरण सुधार कर, सुख पनपे प्रत्यक्ष।। हरियाली की छाँव हो,स्वच्छ पवन मृदु नीर।मृदा रहें पोषित सुलभ , नहीं रहें जग पीर।। हरियाली जो हो तभी , कृपा करें देवेन्द्र।पर्यावरण सुधार … Read more