Tag hindi poem on 26 january republic day

26 जनवरी गणतंत्र दिवस

कोशिश क्यों नही करता अपना घर बसाने को

कोशिश क्यों नही करता अपना घर बसाने को ऐ पाक़!तू क्यों तना है अपना घर जलाने को। कोशिश क्यों नही करता अपना घर बसाने को।। तुम्हारे तमाम ज़ुल्मों को सीनें से लगाते रहे। पर गुस्सा क्यों दिलाता है हथियार उठाने…

समर शेष है रुको नहीं

समर शेष है रुको नहीं समर शेष है रुको नहींअब करो जीत की तैयारीआने वाले भारत कीबाधाएँ होंगी खंडित सारी ,राजद्रोह की बात करे जोउसे मसल कर रख देनादेशभक्ति का हो मशाल जोउसे शीश पर धर लेना,रुको नहीं तुम झुको…

mera bharat mahan

फिर बोलें भारत माँ की जय

फिर बोलें भारत माँ की जय हिमाच्छादित उत्तुंग शिखरभारत माँ के प्रहरी हैं प्रखर।देखी जब माँ की क्लांत दशापूछा, माँ क्या है तेरी व्यथा ?क्यों हृदय तुम्हारा व्याकुल हैक्यों भरे नयन, कुछ बोलो तो ! क्या बोलूँ , मेरी आँखों…

mahapurush

हिन्द देश के अंबर पर

हिन्द देश के अंबर पर नव सज्जित आज विहान है हिन्द देश के अंबर परनव सज्जित आज विहान हैहर्षित हो लहराए तिरंगादेशप्रेम में डूबा देश जहान है। आजादी के दीवानों नेसंविधान निर्माण की ठानी थीऊँच नीच का भेद नहीं थाउन्मुक्त…

mera bharat mahan

भारत को श्रेष्ठ बनाते हैं

भारत को श्रेष्ठ बनाते हैं मिलकर आओ जग में हम सब,                    भारत को श्रेष्ठ बनाते हैं।….माँ भारती के सब भारतवासी ,                     सदा सदा गुण गाते हैं।।जब आजादी की अलख जगी,                   वीरों ने प्राण गवाये थे।यह मातृभूमि की रक्षा को,                  वे…

तुम्हें श्रद्धा सुमन चढ़ाऊं

तुम्हें श्रद्धा सुमन चढ़ाऊं तुम्हें श्रद्धा सुमन चढ़ाऊं नैनों से नीर बहाऊंवीर शहीदों तुमको मैं शत-शत शीश नवाऊं|तुम्हें श्रद्धा सुमन….. धन्य है वो माता जिसने तुमको जन्म दियाधन्य पिता वो जिसने बेटा बलिदान कियाऐसे मात पिताओं पे मैं नित बलि-…

mahatma gandhi

बापू पर कविता

बापू पर कविता भारत ने थी पहन ली, गुलामियत जंजीर।थी  अंग्रेज़ी  क्रूरता, मरे   वतन  के   वीर।। काले पानी  की सजा, फाँसी हाँसी खेल।गोली  गाली  बरसते, भर  देते  थे  जेल।। याद करे जब देश वह, जलियाँवाला बाग।कायर  डायर  क्रूर  ने, खेला …

बसंत  की  बहार में

बसंत  की  बहार में बसंत दूत कोकिला, विनीत मिष्ठ बोलती।बखान रीत गीत से, बसंत गात  डोलती। बसंत  की  बहार में, उमा महेश साथ  में।बजाय कान्ह बाँसुरी,विशेष चाल हाथ में। दिनेश  छाँव  ढूँढते , सुरेश  स्वर्ग  वासते।सुरंग  पेड़  धारते, प्रसून  काम   …

कारगिल विजय दिवस पर कविता

कारगिल विजय दिवस कारगिल विजय दिवस है,जीत का त्यौहार है ।उन  शहीदों  को  नमन  है,वंदन  बार-बार है ।। वीर तुम बढे चले थे,चल रही थी गोलियाँ ।बर्फ  की  चादरों   पे दुश्मनों की टोलीयाँ ।।मगर तुम रुके  नहीं,   इंच भी डिगे…