Month: November 2020
पिता धर्म निभना अति भारी-बाबू लाल शर्मा
फादर्स डे पिताओं के सम्मान में एक व्यापक रूप से मनाया जाने वाला पर्व हैं जिसमे पितृत्व, पितृत्व-बंधन तथा समाज में पिताओं के प्रभाव को समारोह पूर्वक मनाया जाता है। अनेक देशों में इसे जून के तीसरे रविवार, तथा बाकी देशों में अन्य दिन मनाया जाता है।
ख्वाहिशें हमसे न पूछो-बाबू लाल शर्मा “बौहरा”
ख्वाहिशें हमसे न पूछो-बाबू लाल शर्मा “बौहरा” ख्वाहिशें हमसे न पूछो,ख्वाहिशों का जोर है,तान सीना जो अड़े है,वे बहुत कमजोर हैं।आज जो बनते फिरे वे ,शाह पक्के चोर हैं,ख्वाहिशें हमसे न पूछो,ख्वाहिशों का जोर है। ख्वाहिशें सैनिक दबाए,जो बड़ा बेजार है,जूझ सीमा पर रहा जो,मौत का बाजार है।राज के आदेश बिन ही,वह निरा कमजोर है,ख्वाहिशें … Read more
वतन है जान से प्यारा -बाबू लाल शर्मा,बौहरा, विज्ञ
वतन है जान से प्यारा -बाबूलाल शर्मा बौहरा विज्ञ सितारे साथ होते तो,बताओ क्या फिजां होती।सभी विपरीत ग्रह बैठे,मगर मय शान जिन्दा हूँ। गिराया आसमां से हूँ,जमीं ने बोझ झेला है।मिली है जो रियायत भी,नहीं,खुद से सुनिन्दा हूँ। न भाई बंधु मिलते है,सगे सम्बन्ध मेरे तो,न पुख्ता नीड़ बन पाया,वही बेघर परिन्दा हूँ। किया जाने … Read more