स्वास्थ्य जीवन है- मनीभाई नवरत्न
यह कविता 7 अप्रैल विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना पर विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष ध्यान देकर रचित की गई है।
यह कविता 7 अप्रैल विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना पर विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष ध्यान देकर रचित की गई है।
ये प्लास्टिक अमर है(ye plastic amar hai) ये प्लास्टिक अमर है धरा के लिये जहर है। बन रहा है अब खतरा ,प्रकृति पर ये कहर है। करता है जल प्रदुषितजल रसायन उत्सर्जितहोता है बड़ा जहरीलाअब उत्पादन हो वर्जित जब पेट्रोलियम…
रक्षा बन्धन एक महत्वपूर्ण पर्व है। श्रावण पूर्णिमा के दिन बहनें अपने भाइयों को रक्षा सूत्र बांधती हैं। यह ‘रक्षासूत्र’ मात्र धागे का एक टुकड़ा नहीं होता है, बल्कि इसकी महिमा अपरम्पार होती है। कहा जाता है कि एक बार…
माता पिता पर रचना जिनकी वजह से खडे हो।आज सोचते हो उनसे बड़े हो।। आज रुकते नहीं है ये आंसू।छोटी सी बात लेकर लड़े हो।। गलतियां तूने की थी हजारों ।पूछा एक बार ना क्यों अडे़ हो।। जानते हो…
मनीभाई की भावनाएं ●●●●●●●●●●●●हर जगह चुनौतियाँ हैं, क्यूँ ना चुनौतियों से वास्ता करें।ये तो गलत है कि खानाबदोश की तरह हम रास्ता करें।विरोध करें ,कभी विरोध सहें; ये सांसारिक नियति है ।मतभेद होने से रूठके चले जाना ,नहीं कवि प्रकृति…
आज के दिन जन्म लिया महान बैट्समैन आज के दिन जन्म लिया महान बैट्समैन।नाम जिसका सर डोनाल्ड जॉर्ज ब्रैडमैन।।“द डॉन”के नाम से मशहूर वो आस्ट्रेलियन ।कम उम्र में बन गया वह क्रिकेटर महानतम।।दायां हाथ की बल्लेबाजी, गेंदबाजी लेग ब्रेक।तनहाई पसंद…
एक होनहार लड़का एक होनहार लड़कासच्चा,त्यागी, ईमानदार।उसके गुरु ने भी तालीम दी थीसच बोलने कीत्याग करने की ।ईमान निभाने की ।पर सिखाना थादो जून की रोटी जुटाने की शिक्षा ।आज भी लड़का खड़ा हैबड़ी सच्चाई से भूख-प्यास त्यागकर ।ईमानदारी से…
जब तूने हमें छोड़ के दौड़ लगाई रचनाकार :मनीभाई नवरत्नरचनाकाल :15 नवम्बर 2020 तू चलता हैलोग बोलते हैंतू दौड़ता क्यूँ नहीं ?तू सबसे काबिल है।अब दौड़ता हूँफिर लोग बोलते हैंगिरेगा तभी जानेगाहम क्यूँ चल रहे हैं ? तूने फिर बातें…
क्या मैं उसे कभी जान पाया ? कभी – कभीया बोलिये अब हर वक्त…मैं ढूंढता हूँ उसकोजो मेरे अंदर पड़ा है मौन।कहता कुछ नहींपर लगता हैउसकी आवाज दबा दी गई होकब ?ये भी तो मुझे मालूम नहीं ।लेकिन हाँ !…
स्कूल पर कविता चलो ऐसी शाला का निर्माण करेंजिसका प्रकाश सबको आलोकित करें।इस संस्था का सदस्य बन करहम स्वयं भी गौरवान्वित करें ।जहां गुरु शिष्य का नातापिता-पुत्र से आंका जाए ।जहां हरेक बालों मेंबहन का रूप झांका जाए ।पर सगुणों…