कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

पृथ्वी माता पर कविता/  विजय कुमार कन्नौजे

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पृथ्वी माता पर कविता/  विजय कुमार कन्नौजे मां की गरिमा मां ही जानेंइनकी महिमा कौन बखानेमातृ भूमि को मेरा प्रणामसीना तानें जग को बचाने।। रसातल गगन बीच बैठकरसम भाव खुद में सहेज करपृथ्वी माता तुम्हें है प्रणामरक्षा कीजिए मां पुत्र…

कारवाँ पर कविता / रमेश कुमार सोनी

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कारवाँ पर कविता / रमेश कुमार सोनी धरती माँ से सुनीकल एक कहानीदूध की नदियाँ औरसोने की चिड़िया थी कभीआँचल रत्नगर्भा औरपानी की अमृतधारा थी यहींवृक्षों की ठंडी छाँह औरखट्टे-मीठे फल का स्वादपरोसती थी वो कभी । आज मुझे वो…

लोकतंत्र का पर्व / आशीष कुमार

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लोकतंत्र का पर्व / आशीष कुमार लोकतंत्र का पर्व पावन परम हैमतदान हमारा पुनीत करम हैबज चुका है चुनावी बिगुलपक्ष-विपक्ष सबका मामला गरम है कोई कट्टरपंथी चरम हैकोई दिखाता खुद को नरम हैटर्र टरा रहे चुनावी मेंढकहर जगह मामला गरम…

बिटिया के मुखड़े पर धवल मुस्कान

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बिटिया के मुखड़े पर धवल मुस्कान मनुजता शूचिता शुभता,खुशियों की पहचान होती है।जहाँ बिटिया के मुखड़े पर,धवल मुस्कान होती है।इसी बिटिया से ही खुशियाँ,सतत उत्थान होती है।जहाँ बिटिया के मुखड़े,पर धवल मुस्कान होती है। सदन में हर्ष था उस दिन,सुता…