मनीभाई नवरत्न

मनीभाई नवरत्न

यह काव्य रचना छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना ब्लाक क्षेत्र के मनीभाई नवरत्न द्वारा रचित है। अभी आप कई ब्लॉग पर लेखन कर रहे हैं। आप कविता बहार के संस्थापक और संचालक भी है । अभी आप कविता बहार पब्लिकेशन में संपादन और पृष्ठीय साजसज्जा का दायित्व भी निभा रहे हैं । हाइकु मञ्जूषा, हाइकु की सुगंध ,छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन , चारू चिन्मय चोका आदि पुस्तकों में रचना प्रकाशित हो चुकी हैं।

मन की आंखें

मन की आंखें पात्र परिचय :-रागिनी –  एक कामकाजी लड़की।राजन-    अंधा व्यक्ति ।राहुल –   रागिनी की सहकर्मी । (रागिनी अपनी ऑफिस की ओर जा रही थी। रास्ते में एक अंधा आदमी सड़क किनारे खड़ा हुआ सड़क पार करने की कोशिश…

आ सनम आ मेरे दिल में तू आ

आ सनम आ मेरे दिल में तू आ आ सनम आ ,मेरे दिल में तू आ।आ सनम आ मेरे दिल को चुराके जा । जाने जा मैंने तुम्हें प्यार किया ।रात दिन तुझे याद किया ।अब तो मुझसे रूठ के…

नवाजिश नवाजिश

नवाजिश नवाजिश तू जो मिली होने लगी ,जीने की ख्वाहिश ।आई मेरे जीवन में तू , रब की नुमाइश।नवाजिश नवाजिश बस रब की नवाजिश। मुझको अपनी पनाह में ले ले ।सुन ले मेरी इल्तजा।कुछ ना भाये तेरे सिवा कैसा वक्त…

सायकिल दिवस कविता (Poem on World Cycle Day)

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सायकिल दिवस कविता (Poem on World Cycle Day) मनीभाई की कविता अपने बचपन में , की थी जिससे यारी। वो मेरी सायकिल,जिसमें करूँ सवारी । आज बदहाल पड़ा, कहीं किसी कोने में सेवा कर गुजारी, जिसने जिंदगी सारी। ना वो…

जो तुमसे हो गया है प्यार

जो तुमसे हो गया है प्यार जिंदगी हर बार आती नहीं ,यादों में आकर तुम जाती नहीं ।तुम ना कर जाना इंकारजो तुमसे हो गया है प्यार ।। यादों में तेरे मैं हर पल छाया रहता ।सोचकर मैं तुमको हरदम…