Jai Sri Ram kavitabahar

राम को माने राम का नही/राजकुमार ‘मसखरे’

राम को माने,राम का नही (राम की प्रकृति पूजा)ओ मेरे प्रभु वनवासी रामआ जाओ अपनी धराधाम,चौदह वर्ष तक पितृवचन मेंवन-वन विचरे बिना विराम!निषाद राज गंगा पार करायेकंदमूल खाकर सरिता नहाए,असुरों…
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रूख राई हे खास/ डॉ विजय कुमार कन्नौजे

रूख राई हे खास/ डॉ विजय कुमार कन्नौजे पेड़ जंगल झाड़ी अउ रूख राईप्राणी जगत के संगवारी हे।काटथे‌ फिटथे जउन संगीओ अंधरा मुरूख अज्ञानी हे।अपने हाथ अउ अपने गोड़मारत हवय…
hasdev jangal

हसदेव जंगल पर कविता

हसदेव जंगल पर कविता हसदेव जंगल हसदेव जंगल उजार के रोगहा मन पाप कमा के मरही।बाहिर के मनखे लान केमोर छत्तीसगढ़ म भरही।।कभु सौत बेटा अपन नी होवय,सब झन अइसन…

सतनाम पर कविता

सत के रद्दा बताये गुरूसही मारग दिखाये।सहीं मारग बतायें गुरू जय‌‌‌तखाम ल गड़ाये।।चंदा सुरूज ल चिनहायेगुरु,जोड़ा खाम ल गड़ायेविजय पताका ल फहरायेसाहेब, सतनाम ल बताये।।तोरे चरनकुंड के महिमासाहेब, जन-जन ल…

लो..और कर लो विकास पर कविता

*लो..और कर लो विकास !*ग्लेशियर का टूटना और ये भूकम्प का आनाभूस्खलन,सुरंग धसना और बादल फटना,सरकार और कॉरपोरेट जगत तो मानते हैंये सभी है महज एक सहज प्राकृतिक घटना !इस…

आत्म ज्ञान ही नया दिन

जिस दिन जीवन खुशहाल रहे,जिस दिन आत्मा ज्ञान प्रकाश रहे,उस दिन दीवाली है।जिस दिन सेवा समर्पण भाव रहे,जिस दिन नवीन अविष्काररहेनव वर्ष आने वाली हैं।जिस दिन घर घर पर दीपजले,जिस…

कल्पना शक्ति पर कविता

कल्पना शक्ति बनाम मन की अभिव्यक्ति!भावावेश में आकर,कल्पनाओं के देश में जाकर,अक्सर बहक जाता हूं, खुद को पंछी सा समझ कर,उड़ता हूं, उन्मुक्त गगन में,खुशी से, चहक जाता हूं!यह मेरे,…

नव वर्ष का उत्सव !

*नव वर्ष का उत्सव !*मैंने नव वर्ष का उत्सवआज ये नही मनाया है..........!किसे मनाऊँ,किसे नहीकुछ समझ न आया है .....!! चाहे ये विक्रम संवत हो या जो ग्रेगोरियन रंगाया हैचाहे…