Category विविध छंदबद्ध काव्य

doha sangrah

गाँधी की जरूरत -पद्मा साहू “पर्वणी”

गाँधी की जरूरत -पद्मा साहू “पर्वणी” पदमा साहू “पर्वणी” के दोहेखैरागढ़ जिला राजनांदगांव छत्तीसगढ़ गाँधी की जरूरत -पद्मा साहू “पर्वणी” “पुनः जरूरत देश को, गाँधी तेरी आज।”* सत्य अहिंसा सादगी, ब्रम्हचर्य विश्वास।आत्म शुद्धि व्यवहार है, गाँधी जीवन खास।। गाँधी के…

श्रृंखलाएँ – रामनाथ साहू ननकी

श्रृंखलाएँ – रामनाथ साहू ननकी हे काव्य कामिनी ,तुम ही मेरी ताकत हो ।नूर इलाही दावत हो ।।अल्लाह खुशी सरगम सीसुब्हो शाम इबादत हो ।। हे चित्त स्वामिनी ,छंद प्रीत की पदावली ।सदा सुगंधित एक कली ।।कमलिनी गंध स्वर्गिक सुख…

Happy Republic day

गणतंत्र दिवस – डॉ एन के सेठी

गणतंत्र दिवस – डॉ एन के सेठी लोकतंत्र का पर्व मनाएं।सभी खुशी से नाचे गाएं।।दुनिया में है सबसे न्यारा।यहभारत गणतंत्र हमारा।। इसकी जड़ है सबसे गहरी।इसकी रक्षा करते प्रहरी।।सबसे बड़ा विधान हमारा।नमन करे जिसको जग सारा।। लोकतंत्र का महापर्व है।हमको…

बेटी (चौपाईयाँ) – डॉ एन के सेठी

बेटी (चौपाईयाँ) – डॉ एन के सेठी बेटी करती घर उजियारा।दूर करे जग काअँधियारा।।बेटी होती सबकी प्यारी।लगती है सबसे ही न्यारी।। सृष्टा की सुंदर सृष्टी है।करती खुशियों की वृष्टी है।।बेटी घर को पावन करती।घर पूरा खुशियों से भरती।। बेटी आन…

अमल करें- रामनाथ साहू ” ननकी “

अमल करें- रामनाथ साहू ” ननकी “ सरल करें ।आओ बुनियादी बातों पर , अमल करें ।। जीवन वृत प्रमेय अनसुलझा , सफल करें ।अभी अभिक्षमता सुदृढ बने , अचल करें ।। चित चंचलता संयम निष्ठा , महल करें ।आदर्शों…

व्यक्तित्व विशेष कविता संग्रह

मशहूर अभिनेता इरफान खान पर दोहे- राजकिशोर धिरही

राजकिशोर धिरही द्वारा रचित मशहूर अभिनेता इरफान खान पर दोहे दोहा-इरफान फिल्मी नायक एक थे,बॉलीवुड की शान।काम किए मकबूल में,अभिनेता इरफान।। फिल्मी मेकर भी रहे,ऐसे थे फनकार।याद करें इरफान को,प्रेमी हैं भरमार।। पान सिंह तोमर सभी,करते रहते याद।अभिनय था इरफान…

एक पंथ के दो पथिक

एक पंथ के दो पथिक एक पंथ के दो पथिक सदा, आपस में टकरायेंगे |टेड़ी – मेड़ी राहें जुड़कर , उनको सदा मिलायेंगे | तन – मन पर जो ओढ़ रखा वह, चादर कितना मोटा है |अखिल विश्व ये आज…

विश्व एड्स दिवस पर कविता

विश्व एड्स दिवस पर लेख   एड्स एक लाइलाज बीमारी है, जिसके फैलने का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित यौन संबंध  है,  इस बीमारी से असल में बचाव सिर्फ सुरक्षा में निहित है। एचआईवी/ एड्स से ग्रसित लोगों की मदद करने के…

सुकमोती चौहान “रुचि” की 10 रचनाएँ

सुकमोती चौहान “रुचि” की 10 रचनाएँ एक अंकुरित पौधा एक अंकुरित आम , पड़ा था सड़क किनारे ।आते जाते लोग , सभी थे उसे निहारे ।।खोज रहा अस्तित्व , उठा ले कोई सज्जन ।दे दे जड़ को भूमि , लगा…

उठो जगो बंधु-जागरण कविता

यह मेरी मौलिक जागरण कविता है,जो उपेन्द्रवज्रा छंद में है।जब कभी मन जीवन के उद्देश्य से भटककर नैराश्य और अंधकार की ओर प्रवृत होने लगता है,तब यह कविता नई ऊर्जा और नया उद्देश्य देती है।