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#अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम” के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

अनैतिकता के पाताल के गर्त में- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता…

इस रचना के माध्यम से कवि जीवन को एक दिशा की ओर ले जाना चाहता है | जीवन में जो गलतियां की जाती हैं उनकी ओर भी पाठकों…

चल रहा हूँ उस पथ पर – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता…

इस रचना के माध्यम से कवि जीवन को उस दिशा में ले जाना चाहता है जहां उसे उसकी मंजिल मिल सके | चल रहा हूँ उस पथ पर -…

तेरे चरणों में पुष्प बनकर मैं बिखर जाऊं तो अच्छा हो- कविता

इस कविता के माध्यम से कवि उस खुदा/परमात्मा की इबादत में खुद को भूल जाना चाहता है । तेरे चरणों में पुष्प बनकर मैं…