तरी हरी नाना मोर नरी हरी नाना रे सुवाना
तरी हरी नाना मोर नरी हरी नाना तरी हरी नाना मोर नरी हरी नाना रे सुवाना। पिया ला सुना देबे मोर गाना तरी हरी नाना। बेर उथे फेर , बेरा जुड़ाथे, रातके मोरे नीदियां उड़ाथे, अतक मया, मय काबर करें…
तरी हरी नाना मोर नरी हरी नाना तरी हरी नाना मोर नरी हरी नाना रे सुवाना। पिया ला सुना देबे मोर गाना तरी हरी नाना। बेर उथे फेर , बेरा जुड़ाथे, रातके मोरे नीदियां उड़ाथे, अतक मया, मय काबर करें…
गौ सिरतोन ईमान जबले मारे गोरी नैइना के बान। जीना मोर होगे कठिन हो गय परेशान । (गौ सिरतोन ईमान) x 2 ले गय मोर जान गौ सिरतोन ईमान. मय नइ आये पाछु ,सुनले बेईमान । मया करे बर तय…
गुरू घासीदास छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर जिले के गिरौदपुरी गांव में पिता महंगुदास जी एवं माता अमरौतिन के यहाँ अवतरित हुये थे गुरू घासीदास जी सतनाम धर्म जिसे आम बोल चाल में सतनामी समाज कहा जाता है, के प्रवर्तक थे। विकिपीडिया…
गाय पालन पर छत्तीसगढ़ी कविता पैरा भूँसा ,कांदी-कचरा,कोठा कोंन सँवारे,हड़ही होगे ,बछिया कहिके रोजेच के धुत्कारे।। बगियाके बुधारू ,छोड़िस,गउधन आन खार।बांधे-छोरे जतने के,झंझट हे बेकार।। बछिया आगे शहर डहर अउपारा-पारा घुमय।कोनो देदे रोटी-भातलइका मन ह झुमय।। देखते-देखत बछिया संगीघोसघोस ले…
टेचराही….(व्यंग) दिन आगे कइसा गोरर-गोरर केजिनगी सहीचलत हे नेट,महिना पुटभरे परथेभरे झन पेट। दु दिन आघुमटकत रहिथेआरो मोबाइल मफोन आथे छोकरी केकहिथे ,स्टाइल म। जल्दी भरवा लोआपके सेवाहो जाही बंद,कसके लेववफेसबुक, वाट्सअपके आनंद। मरताका न करतालगा थे जुगाड़,लइका केफीस पटे…
पगला कहे दुनिया समझाये सबो मोला ।का तोर मया हे दिखलाये सबो मोला ।। मन मोर भरम जाये वो ही गोठ ला करथेंदुरिहा चले जावों भरमाये सबो मोला । मँगनी के मया नोहे मया हावे जनम केनिंदा करें सब झन…
कतको दीवाना हे (छत्तीसगढ़ी गजल) किस्मत के सितारा हा चमक जाही लगत हे ।मन तोर दीवाना हे भटक जाही लगत हे ।। खुशबू ले भरे तन मा रथे मन घलो सुंदरतोर तीर जमाना ये जटक जाही लगत हे । कतको…
यहाँ पर दीपावली अवसर पर गए जाने वाला सुवा गीतों का संकलन किया गया है . छत्तीसगढ़ में सुआ गीत प्रमुख लोकप्रिय गीतों में से है। सुआ गीत का अर्थ है सुआ याने मिट्ठु के माध्यम से स्रियां सन्देश भेज…
Submit : 16 Sep 2022, 10:56 AMEmail : doojramsahu0@gmail.com ये जिंदगी फोकट गवाँ झन , बिरथा नहीं जान दे ।आँखी अभी मा खोल तयँ हा, आघू डहर ध्यान दे ।तन फूलका पानी सही हे , बनय हाड़ा माँस के ।अनमोल…
पोरा तिहार छत्तीसगढ़ के परब आगे,हिरदे मा ख़ुशी छा गे गा।माटी के बइला ला भरले,पोरा तिहार मना ले गा।काठा भर पिसान सान ले,ठेठरी खुरमी बना ले गा।पोरा तिहार के परम्परा ला,संगे- संग निभाले गा।मोटरा बांध के ठेठरी खुरमी,बहिनी घर अमराबे…