Category अन्य काव्य शैली

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गणपति पर कविता – नीरामणी श्रीवास नियति

गणपति पर कविता गणपति बप्पा आ गए ,भादो के शुभ माह।भूले भटके जो रहे , उन्हें दिखाना राह ।।उन्हें दिखाना राह , कर्म सत में पग धारे ।अंतस के खल नित्य , साधना करके मारे ।नियति कहे कर जोड़, चाहते…

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घर-घर में गणराज – परमानंद निषाद

“घर-घर में गणराज” परमानंद निषाद द्वारा रचित एक कविता है जो गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणेश की महिमा और उनकी पूजा के महत्व को दर्शाती है। यह कविता गणेश उत्सव की खुशी, भक्ति, और सांस्कृतिक समृद्धि को प्रकट…

तांका काव्य विधा पर रचनायें

तांका एक प्राचीन जापानी काव्य विधा है जो संक्षिप्त और संरचित रूप में गहन भावनाओं और विचारों को व्यक्त करती है। यह विधा पाँच पंक्तियों में लिखी जाती है, और प्रत्येक पंक्ति में निर्धारित मात्रा होती है। तांका का शाब्दिक…

हाइकु

गीता द्विवेदी की हाइकु

गीता द्विवेदी की हाइकु 1  –  पकते फल       फुदके गिलहरी       कोई न हल 2  –  बीज धरा में        झर – झर बरखा        नवअंकूर 3  –  कठपुतली       मनोरंजन कड़ी       दुनिया भूली 4  –  एक आंगन       संयुक्त परिवार        लुभाए मन 5 …

हाइकु

हाइकु मंजूषा-पद्म मुख पंडा स्वार्थी

हाइकु मंजूषा 1चल रही हैचुनावी हलचलप्रजा से छल 2 भरोसा टूटाकिसे करें भरोसासबने लूटा 3 शासन तंत्रबदलेगी जनताहक बनता 4 धन लोलूपनेता हो गए सबअब विद्रूप 5 मंडरा रहाभविष्य का खतराचुनौती भरा 6 खल चरित्रजीवन रंगमंचन रहे मित्र 7 प्यासी…

हाइकु

हाइकु त्रयी

हाइकु त्रयी [१]कोहरा घनाजंगल है दुबका दूर क्षितिज! [२]कोहरा ढांपे न दिखे कुछ पार ओझल ताल [३]हाथ रगड़ कुछ गर्माहट होकांपता हाड़ निमाई प्रधान’क्षितिज’* Post Views: 108

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गोकुल में कृष्ण जन्मोत्सव – बाबूराम सिंह

गोकुल में कृष्ण जन्मोत्सव                      जन्म  उत्सव मोहन का,  देखन देव महान।भेष  बदल  यादव  बनें  ,यशोदा के मकान ।। सब  देवों  की नारियाँ ,ले मन  पावन  प्रीत। बनी  रूप  तज  गोपियाँ ,गाती  मंगल गीत।। रमे   मुरारी   प्रेम   में , बैठे   शम्भु  …

अंग्रेजी नव-वर्ष- अभिनंदन

अंग्रेजी नव-वर्ष- अभिनंदन कुण्डलिया 🚩१.🚩कहें तेईस अलविदा, स्वागत है नववर्ष|मंगल मोद मना रहे़ं , है प्रतीक्षा सहर्ष ||है प्रतीक्षा सहर्ष, स्वप्न चौबीस के सजे|हर्षित जनमन‌ आज, नूतन संवत् विराजे||विनय करे ‘गोपाल’ , खुशी बाँटते सब रहे़ं।अंग्रेजी वर्ष की ,शुभेच्छा भी…

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अवि के हाइकु

अवि के हाइकु जीवन पथप्रेम और संघर्षदुलारा बेटा मनमोहनबलिहारि जाँऊ मैंतेरी मुस्कान मां हूँ मैंलड़ूंगी भूख से मैंये अग्निपथ समर्पित हैतुझ पे ये जीवनराज दुलारा ©अविअविनाश तिवारीजांजगीर चाम्पा Post Views: 49

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राख विषय पर हाइकु -रमेश कुमार सोनी

राख विषय पर हाइकु- रमेश कुमार सोनी 1 मोक्ष ढूंढने चला – चली की बेला राख हो चला ।। 2 राख का डर जिंदगी ना रुकती मौत है सखी ।। 3 पानी जिंदगी अग्नि , राख की सखी नहीं निभती…