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नीलम नारंग की कवितायेँ

नीलम नारंग की कवितायेँ

कविता संग्रह
कविता संग्रह

दवा बन जा

ले दर्द सारे किसी के लिए दवा बन जा
लेकर गम बस उसीका हमनवाँ बन जा

सुन किसी के दिल की बात शिद्दत से
प्यार से समझा और राजदाँ बन जा

काम आ दूसरों के सोच गम की बात
देकर साथ सब का खैरखवाह बन जा

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सुन दुख किसी का बस हँसते है सब
समझ दर्द किसी का और दवा बन जा

मत सोच लोग क्या सोचते हैं कहते हैं क्या
कर अपने मन की और बेपरवाह बन जा

बाहर निकाल खुद को निराशा के घेरे से
जिन्दा रख बचपन और लापरवाह बन जा

हरदम मदद को हाथ बढाकर नीलम
कायम कर नई मिसाल और दास्ताँ बन जा
नीलम नारंग

जीना आना चाहिए

दुःख तो सबके जीवन में है
दुखों का निवारण करना आना चाहिए

दुःख को समझते तो सभी है
दूसरे की आँख से आंसू पोंछना आना चाहिए

जो किया किसी के लिए नेक काम
नेकियों को दरिया में डालना आना चाहिए

अपने रिश्ते तो सभी के पास है
झुक कर रिश्तों को निभाना आना चाहिए

खिलौने है यहाँ सब माटी के
बनाने के लिए बस मिट्टी को गलाना आना चाहिए

कहने को तो सब साथ होते है
जरूरत पर साथ खङे होना आना चाहिए

ख्वाब तो सभी देखते हैं
बस सपनों को साकार करना आना चाहिए

खुशी देते हैं जो लम्हे हमें
बस खुशी के लम्हों को बचाना आना चाहिए

उठना है दूसरे की नजरों में गर
पहचानना बस अपना वजूद आना चाहिए

जीने को तो सभी जीते हैं
दूसरों के लिए जीने का हुनर आना चाहिए

क्यूँ सोचता है गम की बात
बस उनसे इतर मुस्कुराना आना चाहिए

राह दूसरे की आसान करने के लिए
अगुवाई के लिए रहनुमा बनना आना चाहिए

नीलम नारंग
मोहाली पंजाब
9034422845

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