दोहा सप्तक

दोहा सप्तक *जो तू तोड़े फूल को , किया बड़ा क्या काम ।फूलों को मुरदा करे , खुश हो कैसे राम ।। *जीवन के सौन्दर्य से , जब होगी पहचान ।पायेगा तब ही मजा , सचमुच में इंसान ।। …
दोहा सप्तक *जो तू तोड़े फूल को , किया बड़ा क्या काम ।फूलों को मुरदा करे , खुश हो कैसे राम ।। *जीवन के सौन्दर्य से , जब होगी पहचान ।पायेगा तब ही मजा , सचमुच में इंसान ।। …
जिन्दगी पर कविता जिन्दगी तो प्रेम की एक गाथा है,जिन्दगी भावुक प्रणय की छाँव है,जिन्दगी है वेदना की वीथिका सीजिन्दगी तो कल्पना की छुवन भर है। जिन्दगी है चन्द सपनों की कहानी,जिन्दगी विश्वास के प्रति सावधानी,जिन्दगी इतिहास है निर्मम् समय…
मिला जो आशियाना मिला जो आशियानावह सर्द रातों में ठिठुरताआसरा ढूंढता पेड़ो के नीचेपेड़ भी तो टपक रहे हैंचीथड़े खोजता अपने लिएजिससे ढक सकेकम्पित बदन कोमसृण पात…बैरी बनेएक बूंद ….एक शीतल बूंदसिहरन पैदा करती अंतर तकश्वान से सटकरहल्की गर्माहट महसूस…
मुरली पर कविता मुरली रे मुरली तूने ऐसा कौन सा काम किया है ।खुस होकर कान्हा ने तुझे अधरों पे थाम लिया है।मुरली बोलो न मुरली बोलो नतेरी किस्मत सबसे निराली कान्हा ने अपनाया ।कान्हा के अधरों पे सजी है…
विजय पर कविता जिस जीवन में संघर्ष न होविजय उसे नहीं मिल सकतीतेजस्वी वीर पुरुष के आगेअरिसेना नहीं टिक सकती।ललकार दो शत्रु को ऐसी तुमपर्वत का सीना टकराएसाहस हृदय में प्रबल रखोरिपु का मस्तक भी झुक जाए।सरहद पर दुश्मन बार-बारमाँ…