सच में लिपटा झूठ
सच में लिपटा झूठ सच में लिपटा झूठ,सरासर बिकते देखा!कलुषित कर्म को, धवल सूट में सजते देखा!लीपापोती सब जग होती,कुलटा नार हाथ ले ज्योती!खसम मार वो निज हाथों से’सती सावित्री बनते देखा!सचमें लिपटा झूठ,सरासर बिकते देखा!!…..(१)बाजारों का हाल बुरा है।हाट…