मुझे तेरी हर बातें याद आते हैं- मनीभाई नवरत्न

मुझे तेरी हर बातें याद आते हैं मुझे तेरी हर बातें याद आते हैं।तुमसे हुए हर मुलाकातें सताते हैं ।क्यों उस दिन अनजान रहा ,तेरे चाहत का ना भान रहा ।अब जब पता है तू ही लापता है , कैसे मिलू तुझे?सोचकर हम घबराते हैं।मुझे तेरी हर बातें …. बीते कल में चेहरा तेरा खोजू,आजकल … Read more

हे दीन दयालु हे दीनानाथ- मनीभाई नवरत्न

हे दीन दयालु हे दीनानाथहे दीन दयालु, हे दीनानाथ !दीन की रक्षा करलें मांगे वरदान। हे कृपालु ,हे भोलेनाथ! हे कृपालु , हे भोलेनाथ!हीन की रक्षा कर ले मांगे वरदान । ऊंची चोटी पर तेरा वास है ।हर तरफ शांति, उल्लास है। छायी रहे ऐसे सदा, अमन से ये जहान। मांगे वरदान। हे दीन दयालु…. … Read more

मैं इंसान हूं मेरे भी अरमान है- मनीभाई नवरत्न

मैं इंसान हूं मेरे भी अरमान है- मनीभाई नवरत्न मैं इंसान हूं मेरे भी अरमान है ।जैसे तेरी पहचान वैसे मेरी पहचान है। जो तू सोचता है वह मेरी सोच है ।जो तू खोजता है वह मेरी खोज है।इस बात पर भला क्यों अनजान है ? मैं इंसान हूं….जब मैं राहों से गुजरता हूं तु … Read more

मनीभाई के पिरामिड रचना

मनीभाई के पिरामिड रचना ★कलम,कागज,कलमकार★मैंएकअबूझतुकबंदीकलमकारहोता ज्यों व्यथितदेता उसे आकारहै मेरे सहचरकलम कागजमुखर नहींमुझ जैसानिशब्ददोनोंही। मनीभाई”नवरत्न” मनीभाई के पिरामिड रचना ★मरणासन्न★ येमेरीकौन सीहै अवस्थाजहाँ से अबदिखता है सचहोने लगा पवित्रकैसी भुलभुलैयाअब चला पतामरणासन्नहकीकतजिन्दगीदिखादी। “मनीभाई”नवरत्न” मनीभाई के पिरामिड रचना ★रिश्ते नातों का जाल★ ये जगअजीबजहाँ परहोती सबकीअलग जिन्दगीतथापि समाहितरिश्ते नातों का जालखट्टी मीठी यादेंआगे बढ़ातीकहानी कोहरेकसिरेमें।“मनीभाई” नवरत्न,मनीभाई … Read more

मन की आंखें

मन की आंखें पात्र परिचय :-रागिनी –  एक कामकाजी लड़की।राजन-    अंधा व्यक्ति ।राहुल –   रागिनी की सहकर्मी । (रागिनी अपनी ऑफिस की ओर जा रही थी। रास्ते में एक अंधा आदमी सड़क किनारे खड़ा हुआ सड़क पार करने की कोशिश रहा था ।) रागिनी : (ऑटो से ही)भैया !अभी मुझे अपने ऑफिस तक नहीं जानी … Read more