Month September 2022

Jai Sri Ram kavitabahar

राम को खेलावत कौशिल्या रानी / बाबूराम सिंह

राम को खेलावत कौशिल्या रानी / बाबूराम सिंह चैत शुक्ल नवमी को पावन अयोध्या में ,मध्य दिवस प्रगटाये रामचनद्र ज्ञानी।सुन्दर सुकोमल दशरथ नृपति -सुत ,भव्यसुख शान्ति सत्य सिन्धुछवि खानी।जिनके दर्शन हेतु तरसता सर्व देव ,बाल ब्रह्मचारी संत योगी यती ध्यानी।शुचि…

दहेज प्रथा अभिशाप है – बाबूराम सिंह

दहेज प्रथा अभिशाप है दानव क्रूर दहेज अहा ! महा बुरा है पाप ।जन्म-जीवन नर्क बने,मत लो यह अभिशाप।।पुत्रीयों के जीवन में ,लगा दिया है आग।खाक जगत में कर रहा,आपस का अनुराग।। जलती हैं नित बेटियाँ ,देखो आँखें खोल।तहस-नहस सब…

हिन्दी का गुणगान – अकिल खान

हिन्दी का गुणगान संस्कृत भाषा से,अवतरित हुआ है हिन्दी,भारत की माथे की है ये अनमोल बिन्दी।‘राष्ट्रीय भाषा’का जिसे मिला है देश मे सम्मान,प्यारे देशवासियों किजीए,हिन्दी का गुणगान। हिन्दी की है प्यारी-प्यारी,मिठी-मिठी बोली,दोस्ती-व्यवहार में,हिन्दी भाषा है हमजोली।विद्वान-ज्ञानीयों ने,जिसका किया है बखान,प्यारे…

सलिल हिंदी – डाॅ ओमकार साहू

सलिल हिंदी (सरसी छंद) *स्वर व्यंजन के मेल सुहाने, संधि सुमन के हार।**रस छंदों से सज धज आई, हिंदी कर श्रृंगार..* वर्णों का उच्चारण करतें, कसरत मुख की जान।मूर्धा जिह्वा कंठ अधर सह, दंतो से पहचान।ध्वनियों को आधार बनाकर, करते…

हिंदी का पासा – उपेन्द्र सक्सेना

पलट गया हिंदी का पासा गीत-उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट हिंदी बनी राजभाषा ही, लेकिन नहीं राष्ट्र की भाषाक्षेत्रवाद के चक्कर में ही, पूरी हो न सकी अभिलाषा। पूर्वोत्तर के साथ मिले जब, दक्षिण के भी लोग यहाँ परहिंदी का विरोध कर…

परवाह करने वाले – विनोद सिल्ला

परवाह करने वाले होते हैं कम हीपरवाह करने वालेहोता है हर एक इस्तेमाल करने वाला वास्तव मेंपरवाह करने वालेइस्तेमाल नहीं करतेवहीं इस्तेमाल करने वालेपरवाह नहीं करते पहचानिएकौन हैं परवाह करने वालेकौन हैं इस्तेमाल करने वाले होते हैं विरले हीपरवाह करने…

श्रीराम पर कविता – बाबूराम सिंह

कविता भक्त वत्सल भगवान श्रीराम —————————————– सूर्यवंशी सूर्यकेअवलोकि सुचरित्र -चित्र,तन – मन रोमांच हो अश्रु बही जात है।सुखद- सलोना शुभ सदगुण दाता प्रभु ,नाम लेत सदा भक्त बस में हो जातहैं। नाम सीताराम सुखधाम पतित -पावन ,पाप-ताप आपो आप पलमें…

सुफल बनालो जन्म कृष्णनाम गायके – बाबूराम सिंह

सुफल बनालो जन्म कृष्णनाम गायके कृष्ण सुखधाम नाम परम पुनीत पावन ,पतित उध्दार में भी प्यार दिखलाय के।कर की मुरलिया से मोहे त्रिलोक जब ,सुफल बना लो जन्म कृष्ण नाम गाय के। चौदह भुवन ब्रह्मांण्ड त्रिलोक सारा ,पालन संहार सृष्टि…

जीवन पर कविता – नीरामणी श्रीवास

सिंहावलोकनी दोहा मुक्तकजीवन जीवन के इस खेल में,कभी मिले गर हार ।हार मान मत बैठिए , पुनः कर्म कर सार ।।सार जीवनी का यही , नहीं छोड़ना आस ।आस पूर्ण होगा तभी , सद्गुण हिय में धार ।। जीवन तो…

लेखनी तू आबाद रहे – बाबूराम सिंह

कविता लेखनी तू आबाद रह ——————————- जन-मानस ज्योतित कर सर्वदा, हरि भक्ति प्रसाद रह। लेखनी तूआबाद रह। पर पीडा़ को टार सदा, शुभ सदगुण सम्हार सदा। ज्ञानालोक लिए उर अन्दर, कर अन्तः उजियार सदा। बद विकर्म ढो़ग जाल फरेब का,…