जय जगदम्बे माँ पर कविता

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं। शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया है। जय जगदम्बे माँ पर कविता विंध्यवासिनी, पाप नाशनी जय जगदम्बे माँ |हे जग … Read more

कहानी सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी पर कविता

व्यक्तित्व विशेष कविता संग्रह

कहानी सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी पर कविता हाँ मुंशी प्रेमचंद जी , साहित्यकार थे ऐसेमानवता की नस-नस को पहचान रहे हों जैसे। सन् अठ्ठारह सौ अस्सी में अंतिम हुई जुलाईतब जिला बनारस में ही लमही भी दिया सुनाईआनंदी और अजायब जी ने थी खुशी मनाईबेटे धनपत को पाया, सुग्गी ने पाया भाईफिर माता और पिता … Read more

शुभ्र शरद पूर्णिमा – बाबूलाल शर्मा

doha sangrah

शुभ्र शरद पूर्णिमा – बाबूलाल शर्मा शुभ्र शरद शुभ पूर्णिमा, लिए शीत संकेत।कर सोलह शृंगार दे, चंद्र प्रभा घर खेत।। दक्षिण पथ रवि रथ चले, शरद पूर्णिमा देख।कृषक फसल के बीज ले, हल से लिखे सुलेख। श्वाँस कास उपचार हित, खीर चाँदनी युक्त।उत्तम औषधि वैद्य दे, करे रोग से मुक्त।। सुधा बरसता चन्द्र से, कहते … Read more

समझाये सबो मोला (छत्तीसगढ़ी गजल)

पगला कहे दुनिया समझाये सबो मोला ।का तोर मया हे दिखलाये सबो मोला ।। मन मोर भरम जाये वो ही गोठ ला करथेंदुरिहा चले जावों भरमाये सबो मोला । मँगनी के मया नोहे मया हावे जनम केनिंदा करें सब झन बिचकाये सबो मोला । कइसे तोला छोड़ँव मर जाहूँ लगे अइसेअर्थी मा मढ़ाये अलगाये सबो … Read more

कतको दीवाना हे (छत्तीसगढ़ी गजल)

कतको दीवाना हे (छत्तीसगढ़ी गजल) किस्मत के सितारा हा चमक जाही लगत हे ।मन तोर दीवाना हे भटक जाही लगत हे ।। खुशबू ले भरे तन मा रथे मन घलो सुंदरतोर तीर जमाना ये जटक जाही लगत हे । कतको दीवाना हे अउ कतको अभी होहीकतको इहाँ फाँसी मा लटक जाही लगत हे । अब … Read more