तू यूं ना थम
प्रेरणादायक कविता - तू यूं ना थम
प्रेरणादायक कविता - तू यूं ना थम
(बिहाव के सम्मे म फूफा के अलगेच रउब रईथे। काबरकि ओहर तईहा के भांटो मतलब "सियान के भांटो" रईथे।
अऊ ओकर सियानी के दिन काल भागत रईथे। तेकर जगह म मोर भांटो के पदवी आत रईथे । ओला ओहर सहन नई करन सके।
तिकर पाय बर ए कविता ल प्रयास करे गय हे:-)
ऐसे में तू जरा हमसे नजर तो मिला आसमां है खुला, समां भी है खिला। ऐसे में तू जरा, हमसे नजर तो मिला।। चाहत से मेरे ये, शाम हुई है रंगीला। ऐसे में तू जरा, हमसे नजर तो मिला ।।…
अधखिली कली सी तुम अनारकलीअधखिली कली सी तुम अनारकली।तुम्हें देख कर मन में हो खलबलीबुरा हाल है मेरा जब से तुम्हें देखा ।तुम्हें अपना बना लेने की मैंने सोच रखा।जानूं ना तेरी अदाओं को क्या है असली नकली ।ख्वाबों में…
बेकरार दिल तुझे हुआ क्या बेकरार दिल …तुझे हुआ क्या ?तुझे देख कर ही जिंदगी हुई रंगीन।दीदार हुआ चांद का, चेहरा तेरा आफरीन ।आफरीन तेरी अदा ।ऑफरीन सबसे जुदाआफ़रीन माशा अल्लाह।आफरीन मेरे खुदा ।बेकरार दिल …तेरी खूबसूरती अब तलक थी…