Category हिंदी कविता

पर्यावरण को नुकसान पर कविता

पर्यावरण को नुकसान पर कविता /एस के कपूर श्री हंस

पर्यावरण को नुकसान पर कविता /एस के कपूर श्री हंस 1 नदी ताल में कम हो  रहा जल  हम पानी यूँ ही बहा रहे हैं। ग्लेशियर पिघल रहेऔर समुन्द्र तल यूँ बढ़ते ही जा रहे हैं।। काट    सारे वन…

सरस्वती वंदना

सरस्वती वंदना/डॉ0 रामबली मिश्र

सरस्वती वंदना/डॉ0 रामबली मिश्र दिव्य मधुर रस देनेवाली।कष्ट क्लेश को हरनेवाली।।चेतन सत्ता ज्ञानामृत हो।बनी लेखिका सत शुभ कृत हो।। अंतर्दृष्टि सहज देती हो।मिथ्या भ्रम को हर लेती हो।।सत्कर्मों की शिक्षा देती।प्रेम पंथ की दीक्षा देती।। क्षिति जल पावक गगन समीरा।सबमें…

पर्यावरण को नुकसान पर कविता

ईश्वर की दी धरोहर हम जला रहे हैं/मनोज कुमार

ईश्वर की दी धरोहर हम जला रहे हैं/मनोज कुमार ईश्वर की दी हुई धरोहर हम जला रहे हैंलगा के आग पर्यावरण दूषित कर रहे हैंकाटे जा रहे हैं पेड़ जंगलों के,सुखा के इन्सान खुश हो रहा हैआते – जाते मौसम…

JALATI DHARATI

विश्व प्रदूषित हो रहा /प्रेमचन्द साव “प्रेम”,बसना

विश्व प्रदूषित हो रहा / प्रेमचन्द साव “प्रेम”,बसना विश्व प्रदूषित हो रहा,फैल रहा है रोग।मानव सारे व्यस्त है,करने निज सुख भोग।। प्राणवायु दूषित हुआ,दूषित हर जल बूँद।मानव को चिंता कहाँ ?,बैठा अँखियन मूँद।। ताल तलैया कूप को,मनुज रहे अब पाट।निज…

shiv God

शिवरात्रि पर कविता /डॉ0 रामबली मिश्र

शिवरात्रि पर कविता /डॉ0 रामबली मिश्र अद्वितीय शिव भोले काशी।अदा निराली प्रिय अविनाशी।।रहते सबके अंतर्मन में।बैठे खुश हो नित सज्जन में।। जगह जगह वे घूमा करते।तीन लोक को चूमा करते।।भस्म लगाये वे चलते हैं।शुभ वाचन करते बढ़ते हैं।। परम दिव्य…

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रचना/सुशी सक्सेना

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रचना/सुशी सक्सेना नारी की गौरव गाथा/सुशी सक्सेना प्रसिद्ध बड़ी है जग में, नारी की गौरव गाथा है। हर रूप में प्यार हमें देती है, ये हमारी माता है। अपनी भारत माता पर, मुझे है अभिमान बहुत…

जलती धरती/डॉ0 रामबली मिश्र

जलती धरती/पूनम त्रिपाठी

जलती धरती/पूनम त्रिपाठी धरती करे पुकार मानव सेमुझे न छेड़ो तुम इंसानबढ़ता जाता ताप हमाराक्यों काटते पेड़ हमारापेड़ काट रहा तू इंसानजलती धरती सूखे नलकूपसूरज भी आग बरसाएबादल भी न पानी लायेमत उजाड़ो मेरा संसारधरती का बस यही पुकारमै रूठी…

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रचना / डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रचना / डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी नारी को जो शक्ति समझता।उसको सबसे ऊपर रखता।।इक नारी में सकल नारियां।भले विवाहित या कुमारियां।। प्रबल दिव्य भाव का सूचक।सारी जगती का संपोषक।।नारी श्रद्धा भव्य स्रोत है।मूल्यवान गतिमान पोत है।।…

JALATI DHARATI

जलती धरती/श्रीमती शशि मित्तल “अमर”

जलती धरती/श्रीमती शशि मित्तल “अमर” आओ कुछ कर लें प्रयासधरती माँ को बचाना है,दूसरों से नहीं रखें आसस्वयं कदम बढ़ाना है,देख नेक कार्य सब आएं पाससबमें चेतना जगाना है। ईंट कंक्रीट का बिछा कर जालवनों को कर दिया हलालअपनी धरा…

जलती धरती/डॉ0 रामबली मिश्र

जलती धरती/डॉ0 रामबली मिश्र

जलती धरती /डॉ0 रामबली मिश्र सूर्य उगलता है अंगारा।जलता सारा जग नित न्यारा।।तपिश बहुत बढ़ गयी आज है।प्रकृति दुखी अतिशय नराज है।। मानव हुआ आज अन्यायी।नहीं रहा अब वह है न्यायी।।जंगल का हत्यारा मानव।शोषणकारी अब है दानव।। नदियों के प्रवाह…