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चेहरे पे कई चेहरे / राजकुमार मसखरे

चेहरे पे कई चेहरे / राजकुमार मसखरे चेहरे पे लगे हैं कई चेहरेइन्हें पढ़ना आसान नही,जो दिखती है मुस्कुराहटेंवो नजरें हैं दूर और कहीं !इतने सीधे-सादे लगते हैंजो मुखौटा लगाए…
गणेश वंदना

गणेश वंदना / डॉ विजय कुमार कन्नौजे

गणेश वंदना / डॉ विजय कुमार कन्नौजे गणेश वंदना मै हव अड़हा निच्चट नदानदया करबे ग गणेश भगवानगौरी गौरा आथे सुरतातुंहर संग नंदी मेहरबान।मुसुवा सवारी लड्डू खवइयामुल बाधा तै दुख…
Jai Sri Ram kavitabahar

रामजी विराजेंगे / रमेश कुमार सोनी

रामजी विराजेंगे / रमेश कुमार सोनी रामजी आए हैं संग ख़ुशियाँ लाए हैं सज-धज चमक रही हैं गलियाँपलक-पाँवड़े बिछे हैं सबकेरंगोलियाँ लगी दमकने हो गए हैं सबके वारे-न्यारे जन्मों के…
Hindi Poem ( KAVITA BAHAR)

छत्तीसगढ़ में रिश्ता राम के/ विजय कुमार कन्नौजे

छत्तीसगढ़ में रिस्ता राम के / विजय कुमार कन्नौजे छत्तीसगढ़ के मैं रहइयाअड़हा निच्चट नदान।छत्तीसगढ़ में भाॅंचा लामानथन सच्चा भगवान।बहिनी बर घातेच मयामिलथे गजब दुलारदाई के बदला मा बहिनी देथे…
shabri

शबरी पर कविता/ सौदामिनी खरे दामिनी

शबरी पर कविता/ सौदामिनी खरे दामिनी शबरी शबरी सी भक्ति मिले,जीवन सुगम चले,प्रभु के आशीष तले,होवे नवल विहान।यह भीलनी साधना,रही निष्काम भावना,कठिनाई से सामना,गुरु वचनों को मान।लोभ मोह छोड़कर,भक्ति भाव…
विकलांग नहीं दिव्यांग है हम

विकलांग नहीं दिव्यांग है हम

3 दिसम्बर दिव्यांग दिवस :- पर सभी दिव्यांग जनों को सादर समर्पित विकलांग नहीं दिव्यांग है हम आँखे अँधी है, कान है बहरे ,हाथ पांव भी भले विकल ।वाणी-बुद्धि में…
purane geet old song kavita bahar

लागी छूटे ना अब तो सनम लिरिक्स

Song Credits:Song Title/गाना: लागी छूटे ना अब तो सनम Laagi Chhute Na Ab To SanamMovie/चित्रपट: काली टोपी लाल रुमाल Kali Topi Lal Rumal (Year-1959)Singer/गायक: मुहम्मद रफ़ी Mohammed Rafi, लता मंगेशकर…
Jai Sri Ram kavitabahar

राम अयोध्या आते है /डॉ एन के सेठी

राम/श्रीराम/श्रीरामचन्द्र, रामायण के अनुसार,रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त है। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के…
patang subh makar sankranti

महापर्व संक्रांति / रवि रश्मि ‘ अनुभूति ‘

महापर्व संक्रांति / रवि रश्मि ' अनुभूति ' मधुर - मृदु बोल संक्रांति पर , तिल - गुड़ - लड्डू के खाओमिलजुलकर सभी प्रेम - प्यार , समता , सौहार्द…
patang subh makar sankranti

कागजी तितली / डी कुमार –अजस्र

कागजी तितली / डी कुमार –अजस्र ठिठुरन सी लगे ,सुबह के हल्के रंग रंग में ।जकड़न भी जैसे लगे ,देह के हर इक अंग में ।। उड़ती सी लगे,धड़कन आज…