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यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०आशीष कुमार के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

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श्रीकृष्ण पर कवितायें- जन्माष्टमी पर्व विशेष

श्रीकृष्ण पर कवितायें हठ कर बैठे श्याम, एक दिन मईया से बोले।ला के दे-दे चंद्र खिलौना चाहे तो सब ले-ले।हाथी ले-ले, घोड़ा ले-ले, तब मईया बोली।कैसे ला दूं चंद्र खिलौना, वो तो है बहुत दूरी। दूर गगन में ऐसे चमके,…

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चमकते सितारे/ आशीष कुमार

चमकते सितारे नन्हे नन्हे और प्यारे प्यारेआसमान में चमकते सितारेदेखा दूर धरती की गोद सेलगता पलक झपकाते सारे ऊपर कहीं कोई बस्ती तो नहींजहाँ के चिराग दिखाएँ नजारेउड़ा ले गया कोई जुगनुओं कोआकाशगंगा सा टिमटिमाते सारे जला आया कोई दीपक…

नारी पर कविता

स्त्री पर कविता ( Stree Par Kavita ): चैत्र नवरात्रि हिन्दु धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। चैत्र नवरात्रि चैत्र (मार्च अप्रेल के महीने) में मनाई जाती है, इसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि में दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है। चूकी दुर्गा माँ…

वीणापाणि सरस्वती पर हिंदी में कविता

यहाँ पर वीणापाणि सरस्वती पर हिंदी में कविता लिखी गयी है जिसमे कवि ने माँ सरस्वती का गुणगान किया है. वीणापाणि सरस्वती पर हिंदी में कविता हे वीणापाणि माँ सरस्वतीतुम ज्ञान के सुर पिरोती माँमैं ठहरा अज्ञानी बालकतुम तो हो…

बनारस पर कविता – आशीष कुमार

बनारस पर कविता – आशीष कुमार जब आँख खुले तो हो सुबह बनारसजहाँ नजर पड़े वो हो जगह बनारसरंग जाता हूँ खुशी खुशी इसके रंग में मैंझूम कर दिल कहता मेरा अहा बनारस सबके सपने देता है सजा बनारसदिल को…

मन की व्यथा – आशीष कुमार

मन की व्यथा इस निर्मोही दुनिया मेंकूट-कूट कर भरा कपटकहाँ फरियाद लेकर जाऊँ मैंकिसके पास लिखाऊँ रपट जिसे भी देखो इस जहाँ मेंभगा देता है मुझे डपटशांति नहीं अब इस जीवन मेंकहाँ बुझाऊँ मन की लपट जो भी था मेरे…

मन की व्यथा

मन की व्यथा इस निर्मोही दुनिया में कूट-कूट कर भरा कपट कहाँ फरियाद लेकर जाऊँ मैं किसके पास लिखाऊँ रपट जिसे भी देखो इस जहाँ में भगा देता है मुझे डपट शांति नहीं अब इस जीवन में कहाँ बुझाऊँ मन…

मैं भी सांता क्लाॅज

मैं भी सांता क्लॉज क्रिसमस डे को सुबह सवेरे मैं भी निकला बन ठन कर सांता क्लॉज के कपड़े पहन चलने लगा झूम झूम कर पीठ पर लिया बड़ा सा थैला खिलौने रख लिए भर भर कर लंबी दाढ़ी पर…

चली चली रे रेलगाड़ी

चली चली रे रेलगाड़ी छुक छुक छुक छुक छुक छुक छुक छुक झटपट बना ली गाड़ी चली चली रे देखो चली रेलगाड़ी रेलगाड़ी देखो बच्चों की निकली सवारी देखो बच्चों की निकली सवारी लपेट लपेट ऐसा मोड़ा दोनों पल्लू साथ…

दिल का पैगाम

दिल का पैगाम भेज रहा हूँ पैगाम तुझको आँखें मिलाकर आँखों से चेहरा पढ़कर महसूस कर ले जो समझा न सके अपनी बातों से ना समझना इसे कोरा कागज ना तौलना इसे लहू के नातों से है पैगाम हमारा वफा-ए-इश्क…