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यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर० हरिश्चंद्र त्रिपाठी ‘हरीश’ के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

Jai Sri Ram kavitabahar

जन-जन के प्रिय राम / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’

 उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया जन-जन के प्रिय राम / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ नित सुबह, दोपहर,शाम,तुम्हें ध्याऊॅ आठों याम।हे जन-जन के प्रिय राम-स्वीकारो मेरा प्रणाम।टेक।…

कभी न तोड़ो कच्चे फल

कभी न तोड़ो कच्चे फल बात पते की सुन लो मेरी,फल खाना है बहुत जरूरी।1। सुन्दर ,स्वस्थ,निरोग रहें हम,सारे सुख का भोग करें हम।2। आम,सन्तरा,काजू खाओ,बाबू,भोले,राजू आओ।3। प्रोटीन,विटामिन सब पाये,अनन्नास,अंगूर जो खाये ।4। कुछ मौसम कुछ बारहमासी,रखे,कटे मत खाओ बासी।5।…

happy new Year

नववर्ष पर हिंदी कविता

इस वर्ष नववर्ष पर कविता बहार द्वारा निम्न हिंदी कविता संकलित की गयी हैं आपको कौन सा अच्छा लगा कमेंट कर जरुर बताएं नववर्ष पर हिंदी कविता : महदीप जँघेल निशिदिन सुख शांति की उषा हो,न शत्रुता, न ही हो…