मुरली पर कविता
मुरली पर कविता मुरली रे मुरली तूने ऐसा कौन सा काम किया है ।खुस होकर कान्हा ने तुझे अधरों पे थाम लिया है।मुरली बोलो न मुरली बोलो नतेरी किस्मत सबसे निराली कान्हा ने अपनाया ।कान्हा के अधरों पे सजी है कोई समझ न पाया ।कान्हा की प्यारी हो——-कान्हा की प्यारी बन कर तूने जग में … Read more