श्री राम को प्रणाम है/ डाॅ विजय कुमार कन्नौजे

Jai Sri Ram kavitabahar

श्री राम को प्रणाम है/ डाॅ विजय कुमार कन्नौजे धीर वीर श्री राम कोकोटि-कोटि प्रणाम है।कौशल्या के लालदशरथ कुमार है।संत हितकारी परदुष्टों का काल है।। वही प्रभु श्री राम को कोटि-कोटि प्रणाम है ।। निर्गुण निराकार परधरती में अवतार है।दशरथ कुमार है परकण कण में राम है।।धीर वीर संयम शीलश्री राम को प्रणाम है। देखने … Read more

राम को माने राम का नही/राजकुमार ‘मसखरे’

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राम को माने,राम का नही (राम की प्रकृति पूजा) ओ मेरे प्रभु वनवासी रामआ जाओ अपनी धराधाम,चौदह वर्ष तक पितृवचन मेंवन-वन विचरे बिना विराम! निषाद राज गंगा पार करायेकंदमूल खाकर सरिता नहाए,असुरों को राम ख़ूब संहारेऋषिमुनियों को जो थे सताए ! भूमि कन्या थी सीतामाईशेष अवतारी लक्ष्मण भाई ,पर्ण कुटी सङ्ग,घास बिछौनाभील राज सङ्ग करे … Read more

राम कथा के हाइकु

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रामकथा को आप अपनी विभिन्न कहानियों लेखों और कविताओं के माध्यम से जाना ही होगा । आज रामकथा को हाइकु के माध्यम से जानें, जिसे लिखा है रमेश कुमार सोनीजी ने। वैसे बता दें, हाइकु एक जापानी काव्य विधा है । राम कथा के हाइकु 1जटायु मनसीता लाज की रक्षामौत से लड़ा। 2राम का स्पर्शशीला, … Read more

अखिल विश्व के राम / सुशील शर्मा

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राम प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया राम राष्ट्र की जीवन धारा नवगीतसुशील शर्मा अखिल विश्व के राम / सुशील शर्मा राम राष्ट्र की जीवन धाराअखिल विश्व के राम हैं।जन जन के हृदयों में बसतेराम प्रेम के धाम हैं। जीवन की सुरभित … Read more

जन-जन के प्रिय राम / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’

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 उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया जन-जन के प्रिय राम / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ नित सुबह, दोपहर,शाम,तुम्हें ध्याऊॅ आठों याम।हे जन-जन के प्रिय राम-स्वीकारो मेरा प्रणाम।टेक। क्षिति-जल-अम्बर तुम ही तुम हो,सृष्टि-अनश्वर तुम ही तुम हो,तुमसे ही गतिमान धरा है-सौम्य,भयंकर तुम ही … Read more