नव दीप जले हर मन में/ भुवन बिष्ट

नव दीप

इस कविता में भुवन बिष्ट ने आशा, प्रेम, और भाईचारे का संदेश दिया है। हर व्यक्ति के मन में नई उम्मीदों और सकारात्मकता के दीप जलाने का आह्वान किया है, जिससे समाज में शांति, प्रेम, और सद्भावना का वातावरण बने। नव दीप जले हर मन में/ भुवन बिष्ट नव दीप जले हर मन में,          अब … Read more

मानवता के दीप /भुवन बिष्ट

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मानवता के दीप/ भुवन बिष्ट मानवता के दीप/ भुवन बिष्ट हम तो सदा ही मानवता के दीप जलाते हैं,उदास चेहरों पर सदा मुस्कराहट लाते हैं। हार मानकर  बैठते जो कठिन राहों को देख,हौंसला बढ़ाकर उनको भी चलना सिखाते हैं। कर देते पग डगमग कभी उलझनें देखकर,मन में साहस लेकर हम फिर भी मुस्कराते हैं। मिल जाये … Read more

भारत को श्रेष्ठ बनाते हैं

mera bharat mahan

भारत को श्रेष्ठ बनाते हैं मिलकर आओ जग में हम सब,                    भारत को श्रेष्ठ बनाते हैं।….माँ भारती के सब भारतवासी ,                     सदा सदा गुण गाते हैं।।जब आजादी की अलख जगी,                   वीरों ने प्राण गवाये थे।यह मातृभूमि की रक्षा को,                  वे बलिदानी कहलाये थे।।पावन गणतंत्र यह अपना,                 कर्तव्यों को भी निभाते हैं।…….भारत को श्रेष्ठ बनाते हैं…भारत … Read more

जय जय वरदानी

जय जय वरदानी जयति मातु जय जय वरदानी।सब जग पूजे मुनि जन ज्ञानी।।नित नित ध्यान करूँ मैं माता।तुम सब जन की भाग्य विधाता।। मातु ज्ञान की तुम हो सागर।जगत ज्ञान से करो उजागर।।सदा मातु बसना तुम वाणी।जय जय वंदन वीणापाणी।।           …..भुवन बिष्ट

जय जय वीणाधारी

जय जय वीणाधारी जय जय वंदन वीणाधारी।सुन लो माता विनय हमारी ।।          सच राह सदा साहस पाऊँ।           नित नित माता के गुण गाऊँ।।मातु ज्ञान की तुम हो सागर।ज्ञान जगत में करो उजागर।।            सदा विराजे माता वाणी।            सब जन पूजे वीणापाणी।।मातु  शारदे  तुम  वरदानी।सब जग पूजे मुनि जन ज्ञानी।।            …….भुवन बिष्ट कविता बहार से जुड़ने … Read more