Tag #राजकुमार मसखरे

यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर0 राजकुमार मसखरे के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

नव वर्ष का उत्सव !

*नव वर्ष का उत्सव !* मैंने नव वर्ष का उत्सवआज ये नही मनाया है……….!किसे मनाऊँ,किसे नहीकुछ समझ न आया है …..!! चाहे ये विक्रम संवत हो या जो ग्रेगोरियन रंगाया हैचाहे अपना शक संवत होया हिजरी ने जो नचाया है…

विश्व रिकार्ड के मायने –राजकुमार मसखरे

विश्व रिकार्ड के मायने कोई गीत गा करकोई साज बजा करकोई नृत्य करा करकोई लाखो दीप सजा करकोई ऊँचा रावण जला करकोई कुछ कविता बना करकोई गाड़ी फर्राटे चला कर !अरे मुझे ये तो बताओये विश्व रिकार्ड बना करसमाज को…

राजनीति बना व्यापार जी – राजकुमार मसखरे

राजनीति बना व्यापार जी देखो आज इस राजनीति ककैसे बना गया ये व्यापार जी ,लोक-सेवक अब गायब जो हैंमिला बड़ा उन्हें रोज़गार जी !राजनीति अब स्वार्थ- नीति हैकर रहे अपनों का उपकार जी,कुर्सी में चिपके रहने की लतबस एक ही…

छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया

छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ये नारा बड़ अच्छा लगथे!ये नारा बनइया के मन भरमोर पैलगी करे के मन करथे !! जब छत्तीसगढ़िया मन..गुजराती लॉज/राजस्थानी लॉज म रुकथेहरियाणा जलेबी,बंगाली चाय के बड़ाई करथे बड़ अच्छा लगथे .!! जब छत्तीसगढ़िया मन.अपन…

दारू विषय पर कविता

दारू विषय पर कविता दारू पिये ल झन जाबे समारूदारू पिये ल झन जाबे,,,,गली-गली जूता खाबे समारू दारू पिये ल झन जाबे ,,,,! नाली म परे,माछी ह झूमेमुँहू तैं फारे,कुकुर ह चूमेअब सुसु बर होगे *उतारू* समारूदारू पिये ल झन…

छेरछेरा तिहार के सुग्घर कविता

छेरछेरा तिहार के सुग्घर कविता छेरछेरा – अनिल कुमार वर्मा होत बिहनिया झोला धरके,सबो दुआरी जाबो।छेरछेरा के दान ल पाके,जुरमिल मजा उड़ाबो।।फुटगे कोठी बोरा उतरगे, सूपा पसर ले मुठा उतरगे। नवा जमाना आगे संगी, मुर्रा लाडू कहाँ पाबो।छेरछेरा के दान…

happy new Year

नववर्ष पर हिंदी कविता

इस वर्ष नववर्ष पर कविता बहार द्वारा निम्न हिंदी कविता संकलित की गयी हैं आपको कौन सा अच्छा लगा कमेंट कर जरुर बताएं नववर्ष पर हिंदी कविता : महदीप जँघेल निशिदिन सुख शांति की उषा हो,न शत्रुता, न ही हो…

Hindi Poem ( KAVITA BAHAR)

राजकुमार मसखरे की कवितायेँ

यहाँ पर राजकुमार मसखरे की कवितायेँ प्रकाशित की गयी हैं आप इन कविता को पढ़कर अपनी राय जरुर दें कि आपको कौन सी कविता अच्छी लगी. इन्हें पहचान ! कितने राजनेताओं के सुपुत्रसरहद में जाने बना जवान !कितने नेता हैं…

व्यक्तित्व विशेष कविता संग्रह

कलम के सिपाही -मुंशी प्रेमचंद जी

कलम के सिपाही -मुंशी प्रेमचंद जी मेरे मूर्धन्य मुंशी प्रेमचंद जी थे बड़े ” कलम के सिपाही “अब…….”भूतो न भविष्यति”हे ! मेरे जन जन के हमराही ! उपन्यास सम्राट व कथाकारजनमानस के ये साहित्यकार,गरीब-गुरबों की पीड़ा लिखतेथे अन्नदाता के तुम…

जय जवान जय किसान

हे मेहनतकशों इन्हें पहचान /राजकुमार मसखरे

हे मेहनतकशों इन्हें पहचान /राजकुमार मसखरे कितने राजनेताओं के सुपुत्रसरहद में जाने बना जवान !कितने नेता हैं करते किसानीये सुन तुम न होना हैरान !बस फेकने, हाँकने में माहिरजनता को भिड़ाने में महान ! भाषण में राशन देने वालेयही तो…