छेरछेरा तिहार के सुग्घर कविता
छेरछेरा तिहार के सुग्घर कविता छेरछेरा – अनिल कुमार वर्मा होत बिहनिया झोला धरके,सबो दुआरी जाबो।छेरछेरा के दान ल पाके,जुरमिल मजा उड़ाबो।।फुटगे कोठी बोरा उतरगे, सूपा पसर ले मुठा उतरगे। नवा जमाना आगे संगी, मुर्रा लाडू कहाँ पाबो।छेरछेरा के दान ल पाके,जुरमिल मजा उड़ाबो।।सेमी के मड़वा कोठा म पड़वा,ढेकी सिरागे नंदागे जतवा।डबर रोटी के पो … Read more