#बाबूलाल शर्मा बौहरा
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर ०बाबू लाल शर्मा बौहरा के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
भारतीय संघ की राजभाषा हिन्दी की महत्ता (चौपाई)
हिन्दी की महत्ता : हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है। 14 सितम्बर, 1949 के दिन संविधान निर्माताओं ने संविधान के भाषा प्रावधानों को अंगीकार कर हिन्दी को भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी। हिन्दी की महत्ता (चौपाई) भारत मात भाल पर बिन्दी।भाषा भूषण रानी हिन्दी।।हिन्द देश हर हिन्दुस्तानी।चाहत बोले हिन्द जुबानी।।१ जन्म देव … Read more
हिन्दी पर कविता – बाबूलाल शर्मा
हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है। 14 सितम्बर, 1949 के दिन संविधान निर्माताओं ने संविधान के भाषा प्रावधानों को अंगीकार कर हिन्दी को भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी। संविधान के सत्रहवें भाग के पहले अध्ययन के अनुच्छेद 343 के अन्तर्गत राजभाषा के सम्बन्ध में तीन मुख्य बातें थी- संघ की राजभाषा हिन्दी … Read more
प्रियतम पर कविता
प्रियतम कितने प्यारे हो प्रियतम कितने प्यारे हो,मेरी आँखों से पूछो।पढ़ लो इन अँखियों में बस एक नजर देखो।बसे हो श्वांस श्वांस में न बिछुडे जन्मसात में,आरजू है मेरी ,रखें निज हाथ,हाथ में। है नेह तुमसे कितना , कैसे तुम्हें बताऊँ ।धड़कन में तुम बसे, दिल चीर कर दिखाऊँ।मेंहदी से रचो हाथ मे,बिंदी से सजो … Read more
सावन पर कविता
सावन-सुरंगा सरस-सपन-सावन सरसाया ।तन-मन उमंग और आनंद छाया ।‘अवनि ‘ ने ओढ़ी हरियाली ,‘नभ’ रिमझिम वर्षा ले आया । पुरवाई की शीतल ठंडक ,सूर्यताप की तेजी, मंदक । पवन सरसती सुर में गाती ,सुर-सावन-मल्हार सुनाती । बागों में बहारों का मेला ,पतझड़ बाद मौसम अलबेला । ‘शिव-भोले’ की भक्ति भूषित ,कावड़ यात्रा चली प्रफुल्लित । … Read more