आज का नेता पर कविता

आज का नेता पर कविता जहाँ बहरी सियासत है, जहाँ कानून है अंधा।करें किसपे भरोसा तब, जहाँ पे झूठ है धँधा।विचारों पे लगा पहरा,बड़ा ये ज़ख्म है गहरा,भला क्या देश का होगा,सियासी रंग है गन्दा।। मुनाफ़े का बड़ा धंधा, कभी होता नहीं मंदा।सियासी वस्त्र है ऐसा, कभी होता नहीं गंदा।सफेदी में छिपा लेता, सभी गुनाह … Read more

गणतंत्र दिवस पर कविता

Happy Republic day

गणतंत्र दिवस पर कविता : गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। गणतंत्र पर दोहा वीरों के बलिदान से,मिला हमें गणतंत्र।जन-जन के सहयोग से,बनता रक्षा यंत्र।। गणतंत्र दिवस हो अमर,वीरों को कर याद।अपनों के बलिदान से,भारत है … Read more

नववर्ष पर हिंदी कविता

happy new Year

इस वर्ष नववर्ष पर कविता बहार द्वारा निम्न हिंदी कविता संकलित की गयी हैं आपको कौन सा अच्छा लगा कमेंट कर जरुर बताएं नववर्ष पर हिंदी कविता : महदीप जँघेल निशिदिन सुख शांति की उषा हो,न शत्रुता, न ही हो लड़ाई।प्रेम दया करुणा का सदभाव रहे,सबको नववर्ष की हार्दिक बधाई। विश्व बंधुत्व की भावना हो … Read more

रावण दहन करो

रावण दहन करो भीतर के रावण का दमन करो,फिर तुम रावण का दहन करो।पहले राम राज्य का गठन करोफिर तुम रावण का दहन करो। चला लेना तुम बाण को बेशक़,जला देना निष्प्राण को बेशक़।बचा लेना तू विधान को बेशक़,पहले राम का अनुशरण करो।फिर तुम….. पहले राम बनकर दिखलाओ,सबको तुम इंसाफ़ दिलवाओ।पुरुषों में तुम उत्तम कहलाओ,राम … Read more

नज़र आता है

नज़र आता है हर अक्स यहाँ बेज़ार नज़र आता है,हर शख्स यहां लाचार नज़र आता है। जीने की आस लिए हर आदमी अब,मौत का करता इंतजार नज़र आता है। काम की तलाश में भटकता रोज यहाँहर युवा ही बेरोजगार नज़र आता है। छाप अँगूठा जब कुर्सी पर बैठा तब,पढ़ना लिखना बेकार नज़र आता है। भूखे … Read more