हिन्दी कविता: कारगिल विजय दिवस की गाथा

हिन्दी कविता: कारगिल विजय दिवस की गाथा

कारगिल विजय दिवस की गाथा;- *सुन्दर लाल डडसेना"मधुर"* ग्राम-बाराडोली(बालसमुंद),पो.-पाटसेन्द्री तह.-सरायपाली,जिला-महासमुंद(छ. ग.) 493558

हिन्दी कविता: अब तो पाठ पढ़ाना है

अब तो पाठ पढ़ाना है ★★★★★★★★★ फिर सीमा में आ जाए तो, गलवान को याद दिलाना है। दुस्साहस कर न सके वह, ऐसी सबक सिखाना है। ए वीर जवानों सुन लो, सबको यह बताना है। कब तक चीनी विष घोलेंगे, अब तो पाठ पढ़ाना है। प्राण जाय पर वचन न जाय, ऐसी कसम जो खाना है। थर थर काँप उठे रूह उनका, ऐसी सजा दिलाना है। कलाम की परमाणु याद दिला दो, बासठ का अब नही जमाना है। कब तक चीनी विष घोलेंगे, अब तो पाठ पढ़ाना है। ★★★★★★★★★★★★ रचनाकार-डिजेन्द्र कुर्रे "कोहिनूर" पीपरभावना,बलौदाबाजार(छ.ग.) मो. 8120587822
हाइकु

तांका विधा के बारे में जानकारी

तांका विधा के बारे में जानकारी तांका जापानी काव्य की कई सौ साल पुरानी काव्य विधा है। इस विधा को नौवीं शताब्दी से बारहवीं शताब्दी के दौरान काफी प्रसिद्धि मिली।…

बाल कविता- धरती पर कविता (आचार्य गोपाल जी)

आज हमारी पर्यावरण संकट में है यदि वृक्षारोपण करके इसका संरक्षण ना किया जाये तो हम सबका भविष्य खतरे में है । इस पर आधारित बाल कविता से यह सीख लीजिये

हिन्दी निबंध : कोरोना वायरस (संकलित रचना )

प्रस्तावना : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह कहना की कोरोना अमेरिका पर पर्ल हार्बर और 9/11 के आतंकी हमले से बड़ा हमला है. जो इस बात की पुष्टि…