मन की व्यथा – आशीष कुमार
मन की व्यथा इस निर्मोही दुनिया मेंकूट-कूट कर भरा कपटकहाँ फरियाद लेकर जाऊँ मैंकिसके पास लिखाऊँ रपट जिसे भी देखो इस जहाँ मेंभगा देता है मुझे डपटशांति नहीं अब इस जीवन मेंकहाँ बुझाऊँ मन की लपट जो भी था मेरे पास मेंसबने लिया मुझसे झपटरिश्तों की जमा पूँजी में भीसबने लगाई मुझे चपत कमाई मेरे … Read more