मन की व्यथा – आशीष कुमार

मन की व्यथा इस निर्मोही दुनिया मेंकूट-कूट कर भरा कपटकहाँ फरियाद लेकर जाऊँ मैंकिसके पास लिखाऊँ रपट जिसे भी देखो इस जहाँ मेंभगा देता है मुझे डपटशांति नहीं अब इस जीवन मेंकहाँ बुझाऊँ मन की लपट जो भी था मेरे पास मेंसबने लिया मुझसे झपटरिश्तों की जमा पूँजी में भीसबने लगाई मुझे चपत कमाई मेरे … Read more

मन की व्यथा

मन की व्यथा इस निर्मोही दुनिया में कूट-कूट कर भरा कपट कहाँ फरियाद लेकर जाऊँ मैं किसके पास लिखाऊँ रपट जिसे भी देखो इस जहाँ में भगा देता है मुझे डपट शांति नहीं अब इस जीवन में कहाँ बुझाऊँ मन की लपट जो भी था मेरे पास में सबने लिया मुझसे झपट रिश्तों की जमा … Read more

मैं भी सांता क्लाॅज

मैं भी सांता क्लॉज क्रिसमस डे को सुबह सवेरे मैं भी निकला बन ठन कर सांता क्लॉज के कपड़े पहन चलने लगा झूम झूम कर पीठ पर लिया बड़ा सा थैला खिलौने रख लिए भर भर कर लंबी दाढ़ी पर हाथ फेरते मैं चला बच्चों की डगर पहुँचा क्रिसमस पार्टी में जब बच्चों की तैयारी … Read more

चली चली रे रेलगाड़ी

चली चली रे रेलगाड़ी छुक छुक छुक छुक छुक छुक छुक छुक झटपट बना ली गाड़ी चली चली रे देखो चली रेलगाड़ी रेलगाड़ी देखो बच्चों की निकली सवारी देखो बच्चों की निकली सवारी लपेट लपेट ऐसा मोड़ा दोनों पल्लू साथ में जोड़ा देखो रस्सी बन गई साड़ी चली चली रे देखो चली रेलगाड़ी रेलगाड़ी देखो … Read more

दिल का पैगाम

दिल का पैगाम भेज रहा हूँ पैगाम तुझको आँखें मिलाकर आँखों से चेहरा पढ़कर महसूस कर ले जो समझा न सके अपनी बातों से ना समझना इसे कोरा कागज ना तौलना इसे लहू के नातों से है पैगाम हमारा वफा-ए-इश्क जो लिखा है दिल के जज्बातों से इसमें लगी है प्यार की स्याही पैगाम भरा … Read more