Tag #बाबूलाल शर्मा बौहरा

यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर ०बाबू लाल शर्मा बौहरा के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

indradhanush

इंद्रधनुष के रंग उड़े हैं/ बाबू लाल शर्मा *विज्ञ*

इंद्रधनुष के रंग उड़े हैं/ बाबू लाल शर्मा *विज्ञ* इन्द्र धनुष के रंग उड़े हैं. देख धरा की तरुणाई।छीन लिए हाथों के कंगन. धूम्र रेख नभ में छाई।। सुंदर सूरत का अपराधी. मूरत सुंदर गढ़ता हैकौंध दामिनी ताक ताक पथ.…

बाल श्रम निषेध दिवस

बाल मजदूर पर कविता (लावणी छंद मुक्तक)

हर साल 12 जून को विश्व दिवस बाल श्रमिकों की दुर्दशा को उजागर करने और उनकी मदद के लिए किया जा सकता है, इसके लिए सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिक संगठनों, नागरिक समाज के साथ-साथ दुनिया भर के लाखों लोगों को एक…

shri Krishna

श्रीकृष्ण पर कवितायें- जन्माष्टमी पर्व विशेष

श्रीकृष्ण पर कवितायें हठ कर बैठे श्याम, एक दिन मईया से बोले।ला के दे-दे चंद्र खिलौना चाहे तो सब ले-ले।हाथी ले-ले, घोड़ा ले-ले, तब मईया बोली।कैसे ला दूं चंद्र खिलौना, वो तो है बहुत दूरी। दूर गगन में ऐसे चमके,…

धनतेरस पर कविताएं: Poems on Dhanteras in hindi

धनतेरस पर कविताएं: कार्तिक माह (पूर्णिमान्त) की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंन्थन के समय भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। धन्वन्तरि जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वन्तरि चूँकि…

hindi divas

भारतीय संघ की राजभाषा हिन्दी की महत्ता (चौपाई)

हिन्दी की महत्ता : हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है। 14 सितम्बर, 1949 के दिन संविधान निर्माताओं ने संविधान के भाषा प्रावधानों को अंगीकार कर हिन्दी को भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी। हिन्दी की महत्ता (चौपाई) भारत…

हिन्दी पर कविता – बाबूलाल शर्मा

हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है। 14 सितम्बर, 1949 के दिन संविधान निर्माताओं ने संविधान के भाषा प्रावधानों को अंगीकार कर हिन्दी को भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी। संविधान के सत्रहवें भाग के पहले अध्ययन के अनुच्छेद…

virah viyog bewafa sad women

प्रियतम पर कविता

प्रियतम कितने प्यारे हो प्रियतम कितने प्यारे हो,मेरी आँखों से पूछो।पढ़ लो इन अँखियों में बस एक नजर देखो।बसे हो श्वांस श्वांस में न बिछुडे जन्मसात में,आरजू है मेरी ,रखें निज हाथ,हाथ में। है नेह तुमसे कितना , कैसे तुम्हें…

किसान खेत जोतते हुए

सावन पर कविता

सावन-सुरंगा सरस-सपन-सावन सरसाया ।तन-मन उमंग और आनंद छाया ।‘अवनि ‘ ने ओढ़ी हरियाली ,‘नभ’ रिमझिम वर्षा ले आया । पुरवाई की शीतल ठंडक ,सूर्यताप की तेजी, मंदक । पवन सरसती सुर में गाती ,सुर-सावन-मल्हार सुनाती । बागों में बहारों का…