इंद्रधनुष के रंग उड़े हैं/ बाबू लाल शर्मा *विज्ञ*

indradhanush

इंद्रधनुष के रंग उड़े हैं/ बाबू लाल शर्मा *विज्ञ* इन्द्र धनुष के रंग उड़े हैं. देख धरा की तरुणाई।छीन लिए हाथों के कंगन. धूम्र रेख नभ में छाई।। सुंदर सूरत का अपराधी. मूरत सुंदर गढ़ता हैकौंध दामिनी ताक ताक पथ. चन्दा नभ में चढ़ता है. नारी का शृंगार लुटेरापाहन लगता सुखदाई।इन्द्रधनुष…………..।। यौवन किया तिरोहित नभ … Read more

बाल मजदूर पर कविता (लावणी छंद मुक्तक)

बाल श्रम निषेध दिवस

हर साल 12 जून को विश्व दिवस बाल श्रमिकों की दुर्दशा को उजागर करने और उनकी मदद के लिए किया जा सकता है, इसके लिए सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिक संगठनों, नागरिक समाज के साथ-साथ दुनिया भर के लाखों लोगों को एक साथ लाता है। बाल मजदूर पर कविता (लावणी छंद मुक्तक) राज, समाज, परायों अपनों, के … Read more

राधा कृष्ण के प्रेम कविता

radha shyam sri krishna

यहां पर राधा कृष्ण के अन्यय प्रेम को कविता का रूप दिया गया है।

श्रीकृष्ण पर कवितायें- जन्माष्टमी पर्व विशेष

shri Krishna

श्रीकृष्ण पर कवितायें हठ कर बैठे श्याम, एक दिन मईया से बोले।ला के दे-दे चंद्र खिलौना चाहे तो सब ले-ले।हाथी ले-ले, घोड़ा ले-ले, तब मईया बोली।कैसे ला दूं चंद्र खिलौना, वो तो है बहुत दूरी। दूर गगन में ऐसे चमके, जैसे राधा का मुखड़ा।देख के ऐसा रूप सलोना कान्हा का मन डोला।राधा रानी को आज … Read more

धनतेरस पर कविताएं: Poems on Dhanteras in hindi

धनतेरस पर कविताएं: कार्तिक माह (पूर्णिमान्त) की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंन्थन के समय भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। धन्वन्तरि जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वन्तरि चूँकि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है। … Read more