मन की व्यथा

मन की व्यथा इस निर्मोही दुनिया में कूट-कूट कर भरा कपट कहाँ फरियाद लेकर जाऊँ मैं किसके पास लिखाऊँ रपट जिसे भी देखो इस जहाँ में भगा देता है मुझे…

सेनानी बन जाएं हम

चलो गुलामी आज़ादी का, मिलकर खेल बनाएं हम। तुम व्यापारी अंग्रेज बनो, और सेनानी बन जाएं हम।। तुम हम पर कर लगाओ, तो तड़प तड़प जाएं हम। भूख प्यास बर्दाश्त…

बसंत पंचमी पर गीत – सुशी सक्सेना

मेरे मन का बसंतबसंत ऋतु का, यहां हर कोई दिवाना है।क्या करें कि ये मौसम ही बड़ा सुहाना है।हर जुबां पर होती है, बसंत ऋतु की कहानी।सुबह भी खिली खिली,…

देश भक्ति गीत – सुशी सक्सेना

इश्क ऐ वतनइश्क ओ उल्फत कुछ हमें भी है इस वतन से।कुछ कर गुजेरेंगे, इक रोज़ हम भी तन मन से।गुलशन अपने वतन का जार जार न होने देंगे।इसकी किसी…

एक पड़ोसन पीछे लागी – उपमेंद्र सक्सेना

एक पड़ोसन पीछे लागीआज लला की महतारी कौ, अपुने मन की बात बतइहौं एक पड़ोसन पीछे लागी, बाकौ अपुने घरि लै अइहौं।बाके मारे पियन लगो मैं, नाय पियौं तौ रहो…

सुभाष चंद्र बोस जयंती – उपमेंद्र सक्सेना

सुभाष चंद्र बोस जयंती - उपमेंद्र सक्सेनाथे सुभाष जी मन के सच्चे, सबने उनको इतना माना।नेता जी के रूप में उन्हें, सारी दुनिया ने पहचाना।सन् अट्ठारह सौ सतानवे, में तेईस…

तुकांत क्या है ?

तुकान्त क्या है ?     काव्य पंक्तियों के अंतिम भाग में पायी जाने वाली वर्णों की समानता को तुकान्त कहते हैं।      कविता के शिल्प में तुकान्त का…

गुरु की मार

5 अक्टूबर 1994 को यूनेस्को ने घोषणा की थी कि हमारे जीवन में शिक्षकों के योगदान का जश्न मनाने और सम्मान करने के लिए इस दिन को विश्व शिक्षक दिवस…

सरस्वती वंदना

सरस्वती वंदना हँसवाहिनी माँ की जय जय वीणावादिनी जय हो शुभ्रज्योत्स्ना भरो हृदयमें अन्धकार सब क्षय हो पद्मासना श्वेत वस्त्रा माँ तेरी जय जय जय हो 2 पुलकित ज्ञान ज्योति…

ईश्वर पर कविता

ईश्वर (विधाता छंद ) पहाड़ों को, घटाओं को, हवाओं को बनाया है गगन के थाल को जिसने सितारों से सजाया है धरा की गोद में कानन सघन उपवन बसाया है…