सादगी पर सायरी

सादगी पर सायरी सादगी की सुरत सुहानी बनावट की बातों का काम नहीं है। सादगी की खुबसूरत जवानी बेतहासा सजावट का काम नहीं है। सादगी की जरूरत जिसने जानी अधिक…

मन पर कविता

मन पर कविता मन सरिता बहाती कलकल स्वछन्द वेग से तेरी स्मृतियों का जल। मन सरिता की गहराई अथाह तेरी स्मृतियों का ही रखरखाव। मन सरिता की लहरें अशांत कभी…

लातन को जो भूत हियन पै – उपेन्द्र सक्सेना

लातन को जो भूत हियन पै पर कविताजिसके मन मै ऐंठ भरै बौ, अपने आगे किसकौ गिनिहैलातन को जो भूत हियन पै,बातन से बौ नाहीं मनिहै।अंधो बाँटै आज रिबड़ियाँ, अपनिन…

नवनिर्माण पर कविता – विनोद सिल्ला

नवनिर्माण पर कवितापत्थरों और ईंटों मेंहुआ मुकाबलामची होड़एक-दूसरे कोमुंहतोड़ जवाब देने कीपत्थर से ईंटईंट से पत्थर खूब टकराएटूटी ईंटेंक्षतिग्रस्त हुए पत्थर हो जाता मुकाबलादोनों मेंकौन करेगासुंदर नवनिर्माण तब मुकाबले के…

चोर- चोर मौसेरे भइया – उपमेंद्र सक्सेना

चोर- चोर मौसेरे भइयाअंधिन के आगे जो रोबैं,बे अपने नैनन कौ खोबैंचोर -चोर मौसेरे भइया,बे काहू के सगे न होबैं।कच्ची टूटै आज गाँव मै,ठर्रा केते पियैं लफंगापुलिस संग मैं उनके…

शबरी का बेर

कविता -शबरी के बेर शबरी का वह बेर नही था सच्ची भक्ती प्रेम वही था ना छुआछूत ना जाति पात भाव भक्ति अनमोल वही था शबरी का संदेश यही था,…

नई भोर हुई – सुशी सक्सेना

. नई भोर हुई - सुशी सक्सेनानई भोर हुई, नई किरन जगी।भूमि ईश्वर की, नई सृजन लगी।नई धूप खिली, नई आस पली,ओढ़ के सुनहरी चुनरी प्रकृति हंसी,नया नया सा आकाश…

कोरोना पर कविता – उपमेंद्र सक्सेना

कोरोना पर कविताकोरोना फिरि फैलि रहो है, बाने देखौ केते मारेकाम नाय कछु होय फिरउ तौ, निकरंगे घरि से बहिरारे।मुँह पै कपड़ा नाय लगाबैं, केते होंय रोड पै ठाड़ेबखरिन मै…
atal bihari bajpei

अटल बिहारी वाजपेई जी पर कविता

अटल बिहारी वाजपेई जी पर कविता अटल बिहारी वाजपेयी 25 दिसंबर,1924 को, ग्वालियर की पवित्र भूमि पर,एक दिव्य पुत्र ने जन्म लिया। धन्य हुई भारत की धरती, भारतरत्न जो आए…