राउत नाचा पर कविता काव्य विधा : -रोला दीवाली के पूर्व, नाचते राउत नाचा।हिन्दू का त्योहार, सदा हिय प्रेमिल वाचा ।।यादव कुल समुदाय, नृत्य इस पर हैं करते ।हाना दोहे…
शिवकुमार श्रीवास "लहरी" छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यह कविता "चँदैनी पर रोला" छत्तीसगढ़ की लोककथा लोरिक-चंदा पर आधारित है। इस कविता के माध्यम से उन्होंने छत्तीसगढ़ की…
शिवकुमार श्रीवास "लहरी" छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यह कविता "डंडा नृत्य" छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय नृत्यों में से एक, डंडा नृत्य पर केंद्रित है। डंडा नृत्य छत्तीसगढ़ की…
शिवकुमार श्रीवास "लहरी" छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यह कविता "पंडवानी" छत्तीसगढ़ की लोकप्रिय लोककला पंडवानी पर केंद्रित है। पंडवानी महाभारत की कथा को गायन और नृत्य के…
शिवकुमार श्रीवास "लहरी" छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यह कविता "ददरिया" छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोक संस्कृति और विशेषकर ददरिया गीत पर केंद्रित है। ददरिया छत्तीसगढ़ का एक लोकप्रिय…
शिवकुमार श्रीवास "लहरी" छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यह कुंडलिया "पंथी पर" छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोक संस्कृति और विशेषकर पंथी नृत्य पर केंद्रित है। पंथी नृत्य छत्तीसगढ़ का…
इस कविता में क्रिकेट के महान जादूगर सचिन तेंदुलकर की महान उपलब्धियों और उनके एक महान खिलाड़ी होने की भावना को चरितार्थ रूप में प्रस्तुत करने की एक कोशिश की है
सचिन :- क्रिकेट का भगवान- कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"
इस कविता में मैंने दुनिया में जी रहे प्रत्येक प्राणी के दुखों की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया है |
नानक दुखिया सब संसार- कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"
इस कविता में मैंने जीवन को परिपूर्ण करने के लिए किन प्रयासों को जीवन का उद्देश्य बनाया जा सकता है इस बात पर जोर दिया है ताकि जीवन सफल हो सके |
इस धरती पर आये हैं , तो कुछ करके जाना है - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"
इस रचना में मैंने देश के वीर जवानों को श्रद्धा सुमन अर्पित किये जिनकी बदौलत देश आजाद है उनकी कुर्बानी को हम व्यर्थ न जाने दें उनका सम्मान करें |
हम वीरों की गाथा गायें - हिंदी कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"
इस रचना के माध्यम से कवि समय के महत्त्व को समझाने का प्रयास कर रहा है |
वक़्त कभी नाकाम नहीं होता - हिंदी कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"