नेक काम पर कविता

नेक काम पर कविता आये हो संसार मे, नेक काम कर जाय।विपदा आफत टाल कर,सब की करे सहाय।सब की करे सहाय,प्रभु ने लायक बनाया।मेहर उस की होय,खुशिया जी भर लुटाया।कहै…

धर्मांधता पर कविता

धर्मांधता पर कविता जब भीबंटा है वतनतब-तबबंटवारे के लिएउत्तरदायी रही हैधर्मांधतायह चलती हैराजनीतिक इशारों परजो आज भी हैपूरे यौवन परजाने और कितनेटुकड़े करना चाहते हैंधर्मांध लोगइस वतन केनहीं लेते सबकऐतिहासिक…

सरस्वती माँ पर कविता-बाबू लाल शर्मा बौहरा

सरस्वती माँ पर कविता माघ शुक्ल बसंत पंचमी Magha Shukla Basant Panchami शारदे आप ही आओ।कंठ मेरे तुम्ही गाओ।शान बेटी सयानी के।बात किस्से गुमानी के। धाय पन्ना बनी माता।मान मेवाड…

मतदाता दिवस पर कविता

मतदाता दिवस पर कविता अच्छे नागरिक के कर्तव्य निभाए,राष्टीय मतदाता दिवस मनाए।मानव को जागरूक बनाए,नव मतदाता के नाम जुड़वाए। युवा पीढ़ी को आगे लाएं,स्वतंत्र रूप से वोट कराए।लोकतंत्र के पर्व…

बेटी पर कविता

बेटी पर कविता गुड़िया पर बाल कविता कितनी मन्नते माँगते माता पिता,जा जाकर हर मंदिर के द्वार में।करते हैं संतान कि कामना हरदम,खुशीयाँ कब आये झोली में। ढ़ोल नगाड़े बजते…

स्वच्छता पर कविता

स्वच्छता पर कविता पृथ्वी की सबसे बड़ी आवश्यकता,हो कण- कण में स्वच्छता। चलता, तैरता, उड़ता जहर ,मानव हो जागरूक ..नहीं तो बरसेगा कहर। दूषित जल, थल ,वायु, कचरा-कूड़ा, प्लास्टिक की…

चितवन पर कविता

चितवन पर कविता चंचल चर चितवन चषक, चण्डी,चुम्बक चाप्!चपला चूषक चप चिलम,चित्त चुभन चुपचाप!चित्त चुभन चुपचाप, चाह चंडक चतुराई!चमन चहकते चंद, चतुर्दिश चष चमचाई!चाबुक चण्ड चरित्र, चाल चतुरानन चल चल!चारु…

फरवरी माह पर दोहे

फरवरी माह पर दोहे माह फरवरी शीत में, पछुआ मंद बयार।बासंती मौसम हुआ, करे मधुप गुंजार।। माह फरवरी जन्म का, वेलेन्टाइन संत।प्रेम पगा संसार हो, प्रीत रीत का पंत।। भारत…

नन्हें मेहमान पर कविता

नन्हें मेहमान पर कविता मुंडेर पर रखेपानी के कुंडे कोदेख रहा था मैंहोकर आशंकितमन में उठे प्रश्नकोई पक्षीआता है या नहीँपानी पीनेतभी मुंडेर परदेखी मैंनेपक्षियों की बीठेंमन को हुई तसल्लीकि…

बूंदाबांदी पर कविता

बूंदाबांदी पर कविता रात की हल्कीबूंदाबांदी नेफिजां कोदिया निखारपेङों पेपत्तों पेदीवारों पेमकानों पेजमीं धूलधुल गईसब कुछ हो गयानया-नयाऐसी बूंदाबांदीमानव मन पे भीहो जातीजात-पांतधर्म-मजहब कीजमी धूलभी जाती धुलआज कीफिजां की तरहजर्रा-जर्राजाता…