भोर वंदन- नवनिर्माण करें

भोर वंदन-नवनिर्माण करें कविता संग्रह ====लावणी छन्दगीत 16,14 पदांत 2==== सत्य सर्वदा अपनाएँ हम, न्योछावर निज प्राण करें।…राम राज्य आधार शिला ले,आओ नवनिर्माण करें।।… सत्य विकल तो हो सकता है,…

सड़क पर कविता

सड़क पर कविता कविता संग्रह है करारा सा तमाचा, भारती के गाल पर।…रो रही है आज सड़कें, दुर्दशा के हाल पर।।… भ्रष्टता को देख लगता, हम हुए आज़ाद क्यूँ?आम जनता…

हे शारदा तुलजा भवानी (सरस्वती-वंदना)

हे शारदा तुलजा भवानी (सरस्वती-वंदना) मां शारदा तमसो मा ज्योतिर्गमय* हरिगीतिका हे शारदा तुलजा भवानी, ज्ञान कारक कीजिये।…अज्ञानता के तम हरो माँ, भान दिनकर दीजिये।… है प्रार्थना नवदीप लेकर, चल…

विश्व ही परिवार है- आर आर साहू

विश्व ही परिवार है- आर आर साहू --------------- परिवार -------------ऐक्य अपनापन सुलभ सहकार है,इस धरा पर स्वर्ग वह परिवार है।मातृ,भगिनी, पितृ,भ्राता,रुप में,शक्ति-शिव आवास सा घर-द्वार है।बाँटते सुख-दुःख हिलमिल निष्कपट,है प्रथम…

विधाता छंद मय मुक्तक- फूल

विधाता छंद मय मुक्तक- फूल छंद रखूँ किस पृष्ठ के अंदर,अमानत प्यार की सँभले।भरी है डायरी पूरी,सहे जज्बात के हमले।गुलाबी फूल सा दिल है,तुम्हारे प्यार में पागल।सहे ना फूल भी…