गणेश स्तुति गणनायक देवा,बिपदा मोर हरौ-बोधन राम निषादराज

गणेश स्तुति गणेश चतुर्थी विशेषांक जय गणेश गणनायक देवा,बिपदा मोर हरौ।आवँव तोर दुवारी मँय तो, झोली मोर भरौ।।1।। दीन-हीन लइका मँय देवा,आ के दुःख हरौ।मँय अज्ञानी दुनिया में हँव,मन मा…

वसंत आया पर कविता दूल्हा बन

वसंत आया पर कविता वसंत आया दूल्हा बन,वासंती परिधान पहन।उर्वी उल्हासित हो रही,उस पर छाया हुआ मदन।। पतझड़ ने खूब सताया,प्रियतमा बन गई विरहन ।पर्ण-वसन सब झड़ गये,किये क्षिति ने…

पिता पर कविता~बाबूलाल शर्मा

पिता पर कविता-बूलालशर्मा जून तीसरा रविवार पितृ दिवस || father's day पिता ईश सम हैं दातारी। कहते कभी नहीं लाचारी। देना ही बस धर्म पिता का। आसन ईश्वर सम व्यवहारी।१…

शारदे माँ पर कविता

शारदे माँ पर कविता माघ शुक्ल बसंत पंचमी Magha Shukla Basant Panchami (1)हे शारदे माँ ज्ञान के,भंडार झोली डार दे।आये हवौं मँय द्वार मा,मन ज्योति भर अउ प्यार दे।।हे हंस…

स्वदेश पर कविता-बाबूलालशर्मा

स्वदेश पर कविता करें जय गान!शहादत शान!सुवीर जवान!स्वदेश महान! करें गुण गान!सुधीर किसान!पढ़े इतिहास!बचे निज त्रास! धरा निज मात!प्रणाम प्रभात!पिता भगवान!सदा सत मान! रहे यश गान!स्वदेश महान!प्रवीर जवान!सुधीर किसान! ✍©बाबू…

यादें तो यादें है -विनोद सिल्ला

यादें तो यादें है -विनोद सिल्ला आ जाती हैं यादेंबे रोक-टोकनहीं है इन परकिसी का नियन्त्रणनहीं होने देतीआने का आभासआ जाती हैंबिना किसी आहट केदे जाती हैंकभी गम कातो कभी…

बसन्त ऋतु पर गीत

बसन्त ऋतु पर गीत लगे सुहाना मौसम कितना,मन तो है मतवाला।देख बसन्त खिले कानन में,फूलों की ले माला।। शीतलता अहसास लिए हैं,चलते मन्द पवन हैं।ऋतु बसन्त घर आँगन महके,जलते विरही…

साधना पर कविता

साधना पर कविता करूँ इष्ट की साधना,कृपा करें जगदीश।पग पग पर उन्नति मिले,तुझे झुकाऊँ शीश।। योगी करते साधना,ध्यान मगन से लिप्त।बनते ज्ञानी योग से,दूर सभी अभिशिप्त ।। जो मन को…

मनोरम छंद विधान- बाबूलाल शर्मा

मनोरम छंद विधान मापनी - २१२२ २१२२चार चरण का छंद हैदो दो चरण सम तुकांत होचरणांत में ,२२,या २११ होचरणारंभ गुरु से अनिवार्य है३,१०वीं मात्रा लघु अनिवार्यमापनी - २१२२, २१२२…