शाश्वत अनुष्टुप्छन्द में कविता

मैं दिलवर दीवाना हर जनम का प्रिये ।भाये तेरे बिना कोई कभी हो सकता नहीं ।। दीवाने सब हैं मस्त धन दौलत लिए हुए ।अपनी तो फकीरी से यारी है…

आजादी के अलख जगैय्या

आजादी के अलख जगैय्या वीर नारायण तोर जीनगी के एके ठन अधार।सादा जीवन जीबो अउ बढ़िया रखबो विचार।हक के बात आही त, नई झुकन गा बिंझवारअंग्रेज ला चुनौती देबो, मचा…

ग़ज़ल -विनोद सिल्ला

ग़ज़ल -विनोद सिल्ला कैसी-कैसी हसरत पाले बैठे हैं।गिद्ध नजर जो हम पर डाले बैठे हैं।।इधर कमाने वाले खप-खप मरते हैं,पैसे वाले देखो ठाले बैठे हैं।।खून-पसीना खूब बहाते देखे जो,उनसे देखो…

वसंत ऋतु पर छोटी सी कविता (short poem on spring)

वसंत भारतीय वसंत को दर्शाता है, और ऋतु का मौसम है। वसंत ऋतु के मुख्य त्योहारों में से एक वसंत पंचमी (संस्कृत: वसन्त पञ्चमी) को मनाया जाता है, जो भारतीय समाज में…

महाशिवरात्रि पर कविता – उपमेंद्र सक्सेना

महाशिवरात्रि पर कविता - उपमेंद्र सक्सेनाबने आप भोले जहर पी लिया सब, लगें आप हमको सब से ही न्यारेनिवेदन करें हम महादेव प्यारे, न डूबें कभी भी हमारे सितारे।बजे हर…

कबाड़ पर कविता -उपमेंद्र सक्सेना

कबाड़ पर कविता -उपमेंद्र सक्सेना सब हुआ कबाड़ था,भाग्य में पछाड़ थारास्ता उजाड़ था, सामने पहाड़ था।छल- कपट हुआ यहाँ, सो गए सभी सपनकर दिया गया दहन, मिल सका नहीं…

बनारस पर कविता – आशीष कुमार

बनारस पर कविता - आशीष कुमार आशीष कुमार जब आँख खुले तो हो सुबह बनारसजहाँ नजर पड़े वो हो जगह बनारसरंग जाता हूँ खुशी खुशी इसके रंग में मैंझूम कर…

इश्क पर कविता -सुशी सक्सेना

इश्क पर कविता -सुशी सक्सेना इश्क के आगे कलियों की तरूणाई फीकी है।इश्क में तो हर इक शय जी लेती है।इश्क से आसमां की ऊंचाई झुक जाती है।इश्क में नदियों…

प्रेम पर कविता – विनोद सिल्ला

प्रेम पर कविता -विनोद सिल्लागहरा सागर प्रेम का, लाओ गोते खूब।तैरोगे तो भी सही, निश्चित जाना डूब।।भीनी खुशबू प्रेम की, महकाए संसार। पैर जमीं पर कब लगें, करे प्रेम लाचार।।पावन…