व्यक्तित्व विशेष कविता संग्रह

कलम के सिपाही -मुंशी प्रेमचंद जी

कलम के सिपाही -मुंशी प्रेमचंद जी मेरे मूर्धन्य मुंशी प्रेमचंद जी थे बड़े " कलम के सिपाही "अब......."भूतो न भविष्यति"हे ! मेरे जन जन के हमराही !उपन्यास सम्राट व कथाकारजनमानस…
व्यक्तित्व विशेष कविता संग्रह

मुंशी प्रेमचंद जी पर दोहे

मुंशी प्रेमचंद जी पर दोहे प्रेमचंद साहित्य में,एक बड़ी पहचान।कथाकार के नाम से,जानत सकल जहान।।उपन्यास लिखते गए,कफ़न और गोदान।प्रेमचंद होते गए,लेख क्षेत्र सुल्तान।।रही गरीबी बचपना,करते श्री संघर्ष।मिली एक दिन नौकरी,जीवन…
उफ! ये सावन जब भी आता है

उफ! ये सावन जब भी आता है

"उफ!ये सावन जब भी आता है" वो बचपन की मस्ती,वो तोतली बोली,वो बारिश का पानी,और बच्चों की टोली,वो पहिया चलाना और नाव बनाना,माँ का बुलाना और हमारा न आना,वो अनछुए…

ये आम अनपढ़ बावला है

ये आम अनपढ़ बावला है कविता संग्रह दुर्व्यवस्था देख,क्या लाचार सा रोना भला है।क्या नहीं अब शेष हँसने की रही कोई कला है।शोक है उस ज्ञान पर करता विमुख पुरुषार्थ…
जलती धरती/डॉ0 रामबली मिश्र

प्रकृति का इंसाफ पर कविता

प्रकृति का इंसाफ पर कविता कायनात में शक्ति परीक्षा,दिव्य अस्त्र-शस्त्र परमाणु बम से |सारी शक्तियां संज्ञा-शून्य हुई ,प्रकृति प्रदत विषाणु के भ्रम से |अटल, अविचल, जीवनदायिनी ,वसुधा का सीना चीर…
beti

बेटी पर कविता

बेटी पर कविता एक मासूम सी कली थीनाजों से जो पली थीआँखों में ख़्वाब थे औरमन में हसरतें थींतितली की मानिन्द हर सुउड़ती वो फिर रही थीसपने बड़े थे उस…