ये भी विकलांगता है

ये भी विकलांगता है कविता संग्रह नर मूर्तियाँ बना प्रभु ने ,किया काम उत्तमता है।रह गयी कुछ कमियाँ,जग कहे अपंगता है।ये भी……………….। पाँव एक ही होकर भी ,गिरी राज लांघता…

दीप शिखा- ( ताटंक छंद विधान )

दीप शिखा- ( ताटंक छंद विधान ) छंद ताटंक छंद विधान- १६,१४, मात्रिक छंद,चरणांत में, तीन गुरु (२२२) अनिवार्य है। दो, दो चरण समतुकांत हो। चार चरण का एक छंद…

११ मात्रिक नवगीत – पीत वर्ण पात हो

११ मात्रिक नवगीत - पीत वर्ण पात हो घाव ढाल बन रहे. स्वप्न साज बह गये।. पीत वर्ण पात हो. चूमते विरह गये।।काल के कपाल पर. बैठ गीत रच रहा.…

सरसी छंद विधान – होलिका आई

होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।…

प्रतीक्षा पर कविता

प्रतीक्षा पर कविता आयु ही जैसे प्रतीक्षा-श्रृंखला है,हर प्रतीक्षा पूर्ण कब होती भला है!रवि प्रतीक्षित धर्मरत हैं पूर्व-पश्चिम,सूर्य मिलकर पूर्व से पश्चिम चला है।धैर्य से जिस बीज ने की है…

खुद को है -मनीभाई ‘नवरत्न’

यहाँ पर मनीभाई नवरत्न द्वारा रचित खुद को है आप पढ़ेंगे आशा आपको यह पसंद आएगी खुद पर कविता -मनीभाई 'नवरत्न' खुद को है जिन्दगी के हरेक  दंगल में …लड़ना…