मुझे तेरे करम का एहसास हो – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना में कवि उस खुदा के करम और रहम का एहसास कर रहा है | मुझे तेरे करम का एहसास हो - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

एक ही प्रश्न – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस कविता के माध्यम से कुछ प्रश्न के जवाब ढूँढने के प्रयास किये गए हैं | इंसानियत या मानवतापूर्ण व्यवहार के प्रति मानव की सोच पर इस रचना में कुठाराघात किया गया है | एक ही प्रश्न - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

प्रेरणा- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना के माध्यम से स्वयं को प्रेरित कर आगे बढ़ने को प्रेरित किया गया है | प्रेरणा- कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

जिंदगी- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस कविता के माध्यम से जिन्दगी में होते उतार - चढ़ाव , मुश्किलों से सामना करते हुए आगे बढ़ने को प्रेरित किया गया है | जिंदगी- कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

प्लेटफार्म – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना के माध्यम से प्लेटफ़ॉर्म के बारे में लोगों की राय को साझा किया गया है | यात्री प्लेटफ़ॉर्म के बारे में क्या - क्या सोचते हैं इस विषय को इस रचने में प्रमुखता से स्थान दिया गया है | प्लेटफार्म - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"