प्रिय का अनुपम श्रृंगार

प्रिय का अनुपम श्रृंगार चंदन, कालीयक, अंगरू, सुगंध मिल,क्या खूब बना है अंगराग।स्नान के जल पुष्प से सुरभित,लो कर लिए तुमने जलविहार,देख मेरा मन बोल उठा अब,प्रिय का अनुपम श्रृंगार…

मेरी प्यारी बहन पर कविता

मेरी प्यारी बहन पर कविता आज तेरी विदाई है मेरी प्यारी बहन ।अपनों से जुदाई है मेरी प्यारी बहन आज तेरी विदाई है मेरी प्यारी बहन। याद आते हैं वो…

हे दिवाकर तुम्हें प्रणाम

हे दिवाकर तुम्हें प्रणाम हे दिनकर ,दिवाकर,भानु,भास्कर,हे आक,आदित्य,दिनेश,मित्र,,हे सूर्य,अरुण,अंशुमालि,पतंग,हे विहंगम,प्रभाकर तू मार्तण्ड,इन्हीं ढेरों नाम में तेरा और है एक रवि नाम।हे दिवाकर तुम्हें प्रणाम, हे प्रभाकर  तुम्हें प्रणाम ।। इस…

अपना प्यारा गाँव

अपना प्यारा गाँव मिल जुलकर रहते सब लोग,,सत्य अहिंसा का आज भी प्रयोग,,अब भी बुजुर्गों को ही जानते हैं,,बस उन्हीं का फैसला मानते हैं,,एक दूसरे का साथ निभाते कभी न…

लो चले आये तुम भी श्मशान

लो चले आये तुम भी श्मशान कहाँ गया धन दौलत भाई,,कहाँ गया तेरा अभिमान ,,,बाँस की ठठरी चढ़कर भाई,,लो चले आये तुम भी श्मशान । लुट गया धन दौलत भाई …

सुंदर और अच्छे में भेद

सुंदर और अच्छे में भेद युवावस्था में सुंदर दिखते हैं सभी,चाह होती है,उम्र की परवाह होती है,श्रृंगार से प्रेम,दर्पण से लगाव,घण्टों निहारते अपने हाव-भाव,आधुनिक परिधानों से सुसज्जित,भीड़ में अलग दिखने…

ख्वाब में प्रिय

ख्वाब में प्रिय रात ख्वाब में देखा प्रिय,,मैंने तुम्हारा साथ हो,,झट आई बिछावन पे,,और बोली करो प्यार की बात हो,,        है तू मेरी हर साँस में,        सबसे अलग…

कविता का संसार

कविता का संसार गीतों ने संसार रचायाहंसी-खुशी के ताल संग।अलंकारों की झंकार मेंनाचता है छमछम छंद।। नायिका के ख्वाब सजानेनायक चाँद-सितारे लायानदिया गीत सुहाने गायेगूंजे निर्झर कलकल नाद दुःख -सुख…

अकड़ पर कविता

अकड़ पर कविता जीवन के इस उम्र तकना जाने कितने मुर्दे देखे।  कितनो को नहलाया   तैयार भी कियाऔर पाया    केवल अकड़सचमुच मुर्दो में अकड़ होती है  लेकिन जीते जी इंसान  …