राउत नाचा पर कविता काव्य विधा : -रोला दीवाली के पूर्व, नाचते राउत नाचा।हिन्दू का त्योहार, सदा हिय प्रेमिल वाचा ।।यादव कुल समुदाय, नृत्य इस पर हैं करते ।हाना दोहे…
शिवकुमार श्रीवास "लहरी" छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यह कविता "चँदैनी पर रोला" छत्तीसगढ़ की लोककथा लोरिक-चंदा पर आधारित है। इस कविता के माध्यम से उन्होंने छत्तीसगढ़ की…
शिवकुमार श्रीवास "लहरी" छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यह कविता "डंडा नृत्य" छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय नृत्यों में से एक, डंडा नृत्य पर केंद्रित है। डंडा नृत्य छत्तीसगढ़ की…
शिवकुमार श्रीवास "लहरी" छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यह कविता "पंडवानी" छत्तीसगढ़ की लोकप्रिय लोककला पंडवानी पर केंद्रित है। पंडवानी महाभारत की कथा को गायन और नृत्य के…
शिवकुमार श्रीवास "लहरी" छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यह कविता "ददरिया" छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोक संस्कृति और विशेषकर ददरिया गीत पर केंद्रित है। ददरिया छत्तीसगढ़ का एक लोकप्रिय…
शिवकुमार श्रीवास "लहरी" छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यह कुंडलिया "पंथी पर" छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोक संस्कृति और विशेषकर पंथी नृत्य पर केंद्रित है। पंथी नृत्य छत्तीसगढ़ का…
तुम लेखक नहीं नर पिचास हो सिर्फ तुम ही नहींतुम से पूर्व भी थीपूरी जमात भांडों की।जो करते रहे ताथाथैयादरबारों की धुन पर।चाटते रहे पत्तलसियासी दस्तरखान पर।हिलाते रहे दुमसियासी इशारों…
भारत गर्वित आज पर्व गणतंत्र हमारा धरा हरित नभ श्वेत, सूर्य केसरिया बाना।सज्जित शुभ परिवेश,लगे है सुभग सुहाना।।धरे तिरंगा वेश, प्रकृति सुख स्वर्ग लजाती।पावन भारत देश, सुखद संस्कृति जन भाती।।…
गणतंत्र गाथा / बाबू लाल शर्मा '' बौहरा '' पुरा कहानी,याद सभी को, मेरे देश जहाँन की।कहें सुने गणतंत्र सु गाथा, अपने देश महान की। सन सत्तावन की गाथाएँ,आजादी हित…
हिन्द देश के वीर/बलबीर सिंह वर्मा "वागीश" आजादी का पर्व ये, हर्षित सारा देश।छाई खुशियाँ हर तरफ, खिला-खिला परिवेश।।खिला - खिला परिवेश, गीत हर्षित हो गाए।मना रहे गणतंत्र, तिरंगा नभ…
आओ मिलकर गणतंत्र सफल बनाएँ /डॉ.अमित कुमार दवे आओ जन-गण-मन को ऊपर उठाएँ,नित नवीन विचारों की शृंखला बनाएँ।हर चेहरे को फिर… वैसा ही महकाएँ,आओ मिलकर गणतंत्र सफल बनाएँ।।1।। त्याग-संयम-सहयोग सदा…
चित्र मित्र इत्र चरित्रचित्र रचित कपि देखकर, डरती जो सुकुमारि।नव चरित्र वनवास में, रहती जनक दुलारि।। मित्र मिले यदि कर्ण सा, सखा कृष्ण सा साथ।विजित सकल संसार भव, वह चरित्र…
विवाह-एक पवित्र बंधन विवाह एक संस्कृति व संस्कार है।विवाह बंधनों का मधुर व्यवहार है।दो पवित्र आत्माओं का होता मिलन।लुटाएँ एक दूजे पर असीम प्यार है।1।सात जन्मों का है ये प्यारा…
घर का संस्कार है बेटी घर आँगन की शान,अभिमान है होती।माँ बाप की जान पहचान होती है बेटी।अक्सर शादी के बाद पराए हो जाते हैं बेटे।दो कुलों की मान-सम्मान होती…