हाँ ये मेरा आँचल-वर्षा जैन “प्रखर

हाँ ये मेरा आँचल आँचल, हाँ ये मेरा आँचलजब ये घूंघट बन जाता सिर परआदर और सम्मान बड़ों काघर की मर्यादा बन जाता है जब साजन खींचें आँचल मेराप्यार, मनुहार…

बेटी हूँ आपकी-भागवत प्रसाद साहू

बेटी हूँ आपकी कोख मे पल रही , शीघ्र जग में आऊ। नन्ही सी परी बन,जन जन को बतलाऊ। हूं बेटी मैं आपकी,दूध का कर्ज चुकाऊ।एक नही दो-दो कुल की,लाज…

गाय गरुवा के हड़ताल

गाय गरुवा के हड़ताल हमरो बनय राशन कारड चारा मिलय सरकारी ।सब्बो योजना ल छोड़ भर पेट मिलय थारी।जब तक पूरा न होवय गरुवा घुरुवा अउ बारी ।गाय गरुवा के…

भारत माता रोती है -हृषिकेश प्रधान “ऋषि”

         भारत माता रोती है जब-जब सीमा पर अपना,वीर सपूत खोती है ।तब भारत माता रोती है,तब भारत माता रोती है ।। सीने से लगाकर मां जिसको दूध पिलाती ।गोद…

स्वरोजगार तुमको ढूंढना हैं

स्वरोजगार तुमको ढूंढना हैं ऐसी रोजगार नही चाहिए,जिसमें राजनीति की बू आती है।घूसखोर जिसमें पैसा लेते हैं,और डिग्रीयां देखी नहीं जाती हैं। पैसों की शान शौकत से वह, रोजगार तो हासिल…

पिता होने की जिम्मेदारी – नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

पिता होने की जिम्मेदारी दो बच्चों का पिता हूँ मेरे बच्चे अक्सर रात मेंओढ़ाए हुए चादर फेंक देते हैओढ़ाता हूँ फिर-फिरवे फिर-फिर फेंकते जाते हैं उन्हें ओढ़ाए बिना… मानता ही…

पितृ पक्ष का सच्चा श्राद्ध-धनंजय सिते(राही)

पितृ पक्ष का सच्चा श्राद्ध ' आजका बच्चा कलका यूवाऔर परसो बुढ़ा होना है!ये प्रकृती का नियम है सबकोएक दिन इससे गुजरना है!!               …

इंतज़ार आँखे में

इंतज़ार आँखे में इंतज़ार करती है आँखेहर उस शक्श की, जिसकी जेब भरी हो,किस्मत मरी हो, लूट सके जिसे,छल सके जिसे, इंतज़ार करती है आँखे। इंतज़ार करती है आँखेहर उस बीमार की, जो…

सांध्य है निश्चल -बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’

सांध्य है निश्चल रवि को छिपता देख, शाम ने ली अँगड़ाई।रक्ताम्बर को धार, गगन में सजधज आई।।नृत्य करे उन्मुक्त, तपन को देत विदाई।गा कर स्वागत गीत, करे रजनी अगुवाई।। सांध्य-जलद…

सेवा का संरक्षण- दिलीप कुमार पाठक “सरस”

है झुकी डाल फल फूल फली,मुस्कानें लख-लख लहरातीं | था एक बीज जो वृक्ष बना, बरसातें उसको नहलातीं|| माटी पाकर आया बचपन,सेवा का संरक्षण पाया| लकड़ी पत्ती फल फूल कली, है सेवा…