मन हो रहा हताश – बाबूलाल शर्मा

मन हो रहा हताश . ✨✨१✨✨हम ही दुश्मन मीत, अपनी भाषा के बने।बस बड़ बोले गीत, सोच फिरंगी मन वही।।. ✨✨२✨✨बदलें फिर संसार, निज की सोच सुधार लें।दें शिशु हित…

हिंदी छा जाए दुनिया में – उपमेंद्र सक्सेना

हिंदी छा जाए दुनिया में गीत-उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट जिससे हैं हम जुड़े जन्म से, वही हमारी प्यारी भाषा,हिंदी छा जाए दुनिया में, पूरी हो अपनी अभिलाषा।अपनी भाषा के हित में…

संवाद पर कविता – सुकमोती चौहान रुचि

संवाद पर कविता तुमसे कर संवाद, सुकूं मन को मिलता है |मधुर लगे हर भाष्य, सुमन मन में खिलता है |कर्णप्रिय हर बात, प्रेरणा देती हरदम | करके जिसको याद,…

माता है अनमोल रतन – बाबूराम सिंह

माता है अनमोल रतन माँ पर कविता स्वांस-स्वांस में माँहै समाई,सदगुरुओं की माँ गुरूताई।श्रध्दा भाव से करो जतन,माता है अनमोल रतन।।अमृत है माता की वानी, माँ आशीश है सोना -चानी।माँ…

इस वसुधा पर इन्सान वहीं – बाबूराम सिंह

कविता इस वसुधा पर इन्सान वहीं ----------------------------------------धन,वैभव,पदविद्या आदिका जिसको हैअभियाननहीं। सत्य अनुपम शरणागत इस वसुधा पर इन्सान वहीं। सत्य धर्म फैलाने आला, विषय पीकर मुस्काने वाला, अबला अनाथ उठाने वाला,…
Jai Sri Ram kavitabahar

राम को खेलावत कौशिल्या रानी / बाबूराम सिंह

राम को खेलावत कौशिल्या रानी / बाबूराम सिंह चैत शुक्ल नवमी को पावन अयोध्या में ,मध्य दिवस प्रगटाये रामचनद्र ज्ञानी।सुन्दर सुकोमल दशरथ नृपति -सुत ,भव्यसुख शान्ति सत्य सिन्धुछवि खानी।जिनके दर्शन…

दहेज प्रथा अभिशाप है – बाबूराम सिंह

दहेज प्रथा अभिशाप है दानव क्रूर दहेज अहा ! महा बुरा है पाप ।जन्म-जीवन नर्क बने,मत लो यह अभिशाप।।पुत्रीयों के जीवन में ,लगा दिया है आग।खाक जगत में कर रहा,आपस…

हिन्दी का गुणगान – अकिल खान

हिन्दी का गुणगान संस्कृत भाषा से,अवतरित हुआ है हिन्दी,भारत की माथे की है ये अनमोल बिन्दी।'राष्ट्रीय भाषा'का जिसे मिला है देश मे सम्मान,प्यारे देशवासियों किजीए,हिन्दी का गुणगान।हिन्दी की है प्यारी-प्यारी,मिठी-मिठी…

सलिल हिंदी – डाॅ ओमकार साहू

सलिल हिंदी (सरसी छंद) *स्वर व्यंजन के मेल सुहाने, संधि सुमन के हार।**रस छंदों से सज धज आई, हिंदी कर श्रृंगार..*वर्णों का उच्चारण करतें, कसरत मुख की जान।मूर्धा जिह्वा कंठ…

हिंदी का पासा – उपेन्द्र सक्सेना

पलट गया हिंदी का पासा गीत-उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेटहिंदी बनी राजभाषा ही, लेकिन नहीं राष्ट्र की भाषाक्षेत्रवाद के चक्कर में ही, पूरी हो न सकी अभिलाषा।पूर्वोत्तर के साथ मिले जब, दक्षिण…