पशु-पक्षियों की करुण पुकार

पशु-पक्षियों की करुण पुकार

पशु-पक्षी हमारे मित्र होते है। उन्हें प्यार,दुलार देना एवं उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है । लेकिन हम मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए उन्हें मार देते है।हमे ये नही भूलना चाहिए कि पर्यावरण का संतुलन बनाने में उनका अहम योगदान होता है।यदि उनकी क्षति होती है ,तो हम भी नही बच पाएंगे। इस कविता के माध्यम से मूक प्राणियों की करुण पुकार है।
शबरी पर कविता

शबरी पर कविता

शबरी की भक्ति kavita bahar शबरी पर हुई गुरु कृपा,दीन्हो कुटी निवास।दर्शन होंगे राम के,राखो दृढ़ विश्वास।। शबरी पंथ बुहारती,इत उत देखे धाय।आयेगी कब शुभ घड़ी,राम मिलेंगे आय।। आवत देखे…
छत्तीसगढ़ शासकीय भवनों के नाम

छत्तीसगढ़ शासकीय भवनों के नाम

छत्तीसगढ़ शासकीय भवनों के नाम ये नाम छत्तीसगढ़ी हरे हैं ।है स्वाद मीठे रस से भरे हैं ।।जानो सभा आज विधान के हैं ।देवी " मिनीमातु " सियान से हैं…
1मार्च शून्य भेदभाव दिवस पर कविता

1मार्च शून्य भेदभाव दिवस पर कविता / मनीभाई नवरत्न

1मार्च शून्य भेदभाव दिवस पर कविता / मनीभाई नवरत्न शून्य भेदभाव दिवस पर, हम एक हो जाएँ ,पूरा विश्व एकजुट, सुबह के सूरज के नीचे।करते हैं आवाज़ बुलंद और स्पष्ट…
छत्तीसगढ़ कविता

कविता : छत्तीसगढ़ के धरना का इतिहास पर चौपाई / आशा आज़ाद

कविता : छत्तीसगढ़ के धरना का इतिहास पर चौपाई / आशा आज़ाद  छत्तीसगढ़ कविता सन् 1995 से पृथक राज्य अखंड धरना आंदोलन प्रारंभ  आज सुनाऊँ सुनलो गाथा।सुनकर झुक जाता है…
JALATI DHARATI

जलती धरती / भावना मोहन विधानी

जलती धरती / भावना मोहन विधानी वृक्ष होते हैं धरती का सुंदर गहना,हरियाली के रूप में धरा ने इसे पहनाहरे भरे वृक्षों को काट दिया मनुष्य ने,मनुष्य की क्रूरता का…
JALATI DHARATI

जलती धरती/चन्दा डांगी

जलती धरती/चन्दा डांगी JALATI DHARATI बचपन मे हमने देखीहर पहाड़ी हरी भरी नज़र आता नही पत्थर कोई वहाँकटते गये जब पेड़ धरती होने लगी नग्न सिलसिला ये चलता रहाअब पत्थर…
JALATI DHARATI

जलती धरती /हरि प्रकाश गुप्ता सरल

जलती धरती /हरि प्रकाश गुप्ता सरल JALATI DHARATI धरती जलती है तो जलने दीजिए।पेड़ कटते हैं तो कटने दीजिए।।भले ही जल जाए सभी कुछ यहांपर पर्यावरण की न चिंता कीजिए।कुछ…
JALATI DHARATI

जलती धरती/शिव शंकर पाण्डेय

जलती धरती/शिव शंकर पाण्डेय JALATI DHARATI न आग के अंगार से न सूरज के ताप से।।धरा जल रही है, पाखंडियों के  पाप से।।सृष्टि वृष्टि जल जीवन सूरज।नार नदी वन पर्वत…
पर्यावरण दिवस पर कविता

धरती माता /डा. राजेश तिवारी

धरती माता /डा. राजेश तिवारी धरती मेरी माँ है इसको स्वस्थ और स्वच्छ बनायें ।आओ इसकी रक्षा और सुरक्षा का दायित्व उठायें ।।................................................................अवैध और अनैतिकता से इसका खनन जो करते…