सच को सच जाने-राजकिशोर धिरही

दोहे: -सच को सच जाने सच को सच जाने बिना,मुँह से कुछ मत बोल।सच आएगा सामने,बज जाएगा ढ़ोल।। सुनी सुनाई बात में,कुछ भी देते जोड़।रोके हम अफवाह को,जीवन के हर…

आम फल पर दोहे

आम फल पर दोहे फल में राजा आम है,चाकू धर के काट।केसर देशी लंगड़ा,खाना इसको चाट।। कई किस्म है आम के,करता कफ को दूर।खास फायदा देह को,खाते इसको शूर।। पेट…

उपदेश पर कविता-मनोज बाथरे

उपदेश पर कविता सोच रहें हैं किहम कुछ उपदेशदे सबकोपर कैसेक्या हमारा उपदेशकोई शिरोधार्य करेगाक्योंकि पर उपदेशदेने से पहलेहमें स्वयं उनकोअपनाना होगातब कहीं जाकरउपदेश कीसार्थकता सफल होगी।।
Jai Sri Ram kavitabahar

श्रीराम स्तुति / लक्ष्मीकान्त शर्मा ‘रुद्रायुष’

राम/श्रीराम/श्रीरामचन्द्र, रामायण के अनुसार,रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त है। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के…

आनंद पर कविता

आनंद पर कविता मुझे है पूरा विश्वासनहीं है असली आनंदमठों-आश्रमों वअन्य धर्म-स्थलों में इन सब के प्रभारीलालायित हैंलोकसभा-राज्यसभाया फिर विधानसभा मेंजाने को मुझे है पूरा विश्वासअसली आनंदलोकसभा-राज्यसभाया फिर विधानसभामें ही…

लिखना पर कविता

लिखना पर कविता क्या आप कविता लिखना चाहते हैं ?यदि हाँ तो दो विकल्प है आपके पास पहला विकल्प यह कि--उनके लिए कविताएं लिखनाएक बड़ी चुनौती लेना हैइसमें कठिन संघर्ष…

बेपरवाह लोग पर कविता

बेपरवाह लोग पर कविता ये उन लोगों की बातें हैंजो लॉकडाउन,कर्फ़्यू, धारा-144जैसे बंदिशों से बिलकुल बेपरवाह हैं जो हजारों की तादात मेंकभी आनन्द विहार बस स्टेंड दिल्लीमेंयकायक जुट जाते हैंतो…

कोरोना चालीसा पर कविता

कोरोना चालीसा पर कविता कोरोना-वायरस पर कविता || Hindi Poem on Corona Virus नर रसना के स्वाद का, कोरोना परिणाम।चमगादड़ के सूप का, मचा हुआ कोहराम।।१।। करता कोई एक है,…

इंसान पर कविता

इंसान पर कविता आदिकाल में मानवनहीं था क्लीन-शेवडनहीं करता था कंघीलगता होगा जटाओं मेंभयावह-असभ्यलेकिन वह थाकहीं अधिक सभ्यआज के क्लीन-शेवडफ्रैंचकट या कंघी किएइंसानों से नहीं था वहव्याभिचार में संलिप्तनहीं था…

ब्रजधाम पर कविता- रेखराम साहू के दोहे

ब्रजधाम पर कविता श्री राधाकृष्ण मधुवन काटा जा रहा, रोता है ब्रजधाम।गूँगी गाएँ गोपियाँ, छोड़ गए जब श्याम ।। कालिंदी कलुषित हुई, क्रंदन करे कदंब।नंद नहीं,आनंद में, आहत यशुदा अंब।।…