नारी पर दोहे- डिजेन्द्र कुर्रे”कोहिनूर”

नारी पर दोहे ★★★★नारी की यशगान हो ,नारी की ही रूप ।नारी के सहयोग से,मिलते लक्ष्य अनुप।। नारी बिन कब पूर्ण है?एक सुखी परिवार।नारी जो सुरभित रहे, सुखी रहे संसार।।…
हाइकु

तांका विधा के बारे में जानकारी

तांका विधा के बारे में जानकारी तांका जापानी काव्य की कई सौ साल पुरानी काव्य विधा है। इस विधा को नौवीं शताब्दी से बारहवीं शताब्दी के दौरान काफी प्रसिद्धि मिली।…

आत्म व्यंग्य पर कविता करती कविता- रेखराम साहू

आत्म व्यंग्य पर कविता आत्म विज्ञापन अधिक तो,लेखनी कमजोर है,गीत गूँगे हो रहे हैं,बक रहा बस शोर है ।।टिमटिमाते बुझ रहे हैं, नेह के दीपक यहाँ।और नफरत का अँधेरा, छा…

बाल कविता- धरती पर कविता (आचार्य गोपाल जी)

आज हमारी पर्यावरण संकट में है यदि वृक्षारोपण करके इसका संरक्षण ना किया जाये तो हम सबका भविष्य खतरे में है । इस पर आधारित बाल कविता से यह सीख लीजिये